Budget 2024-25 : कॉर्पोरेट टैक्स की रियायती दर का फायदा उठाने के लिए तय समयसीमा बढ़ा सकती है सरकार

Budget 2024-25 : वित्तमंत्री 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का यूनियन बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट इस साल जुलाई में पेश होने की उम्मीद है। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके नतीजों के बाद केंद्र में जो नई सरकार बनेगी, वह पूर्ण बजट पेश करेगी

अपडेटेड Jan 02, 2024 पर 1:35 PM
Story continues below Advertisement
Budget 2024-25 : अभी कॉर्पोरेट टैक्स की रियायती दर 15 फीसदी है। इसका फायदा नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां उठा सकती हैं। लेकिन, शर्त यह है कि उन्हें 31 मार्च, 2024 तक उत्पादन शुरू करना होगा। सरकार ने इस कंसेशनल रेट का ऐलान 2019 में किया था।

Budget 2024-25 : यूनियन बजट 2024 (Union Budget 2024) पेश होने की तारीख नजदीक आ रही है। यह केंद्र की नरेंद्र मोदी की दूसरी सरकार का आखिरी बजट है। इससे इकोनॉमी के कई सेक्टर्स को काफी उम्मीदें हैं। Deloitte India ने यूनियन बजट से पहले एक टैक्सेशन गाइड पेश की है। इसमें डायरेक्ट टैक्स, इनडायरेक्ट टैक्स, पर्सनल इनकम टैक्स सहित कई मसलों से जुड़ी उम्मीदों के बारे में बताया गया है, जिनका ऐलान वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman 1 फरवरी, 2024 को कर सकती हैं। वित्तमंत्री 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2024-25 का यूनियन बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट इस साल जुलाई में पेश होने की उम्मीद है। अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके नतीजों के बाद केंद्र में जो नई सरकार बनेगी, वह पूर्ण बजट पेश करेगी।

रियायती टैक्स दर के लिए समयसीमा बढ़ाने की जरूरत

Deloitte India की रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी कॉर्पोरेट टैक्स की रियायती दर 15 फीसदी है। इसका फायदा नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां उठा सकती हैं। लेकिन, शर्त यह है कि उन्हें 31 मार्च, 2024 तक उत्पादन शुरू करना होगा। सरकार ने इस कंसेशनल रेट का ऐलान 2019 में किया था। इसके अच्छे नतीजे देखने को मिले हैं। देश में FDI काफी बढ़ा है। इंडिया में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने में ग्लोबल कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ी है। टैक्स की रियायती दर का फायदा उठाने के लिए 31 मार्च, 2024 तक उत्पादन शुरू करने की जो समयसीमा तय की गई है, उसे दो साल बढ़ाने की जरूरत है।


यह भी पढ़ें : Budget 2024 : सेल्फ-एंप्लॉयड इंडिविजुअल्स के लिए ओल्ड और न्यू रीजीम में स्विच करने के नियम आसान बना सकती है सरकार

ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियां निवेश के लिए तैयार

नई इंपोर्ट पॉलिसी में पर्सनल डिजिटल एसिस्टेंस (PDAs) की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहन दिया गया है। लाइसेंसिंग मॉडल से इसके इंपोर्ट पर रोक लगाई गई है। इससे कई बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों ने इंडिया में निवेश बढ़ाने और मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने का ऐलान किया है। सरकार को ऐसी कंपनियों को कॉर्पोरेट टैक्स के कंसेशनल रेट का फायदा देना चाहिए। इससे इंडिया में निवेश करने में ग्लोबल टेक्नोलॉजी कंपनियों की दिलचस्पी बढ़ेगी। इससे रोजगार के अतिरिक्त मौके पैदा करने में मदद मिलेगी।

टैक्स पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन को नोटिफिकेशन जारी करने की जरूरत

विदेशी निवेशकों को दूसरे देशों के साथ इंडिया की Tax Treaty का अलग-अलग मतलब निकाले जाने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। Nestle SA के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में अनिश्चितता और बढ़ गई है। देश की सबसे बड़ी अदालत के फैसले का व्यापक असर Tax Treaty एंटरप्रेटेशन पर पड़ा है। ऐसी कई ट्रीटी का फायदा टैक्सपेयर्स उठाते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद टैक्स पॉलिसी एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से स्पेशिफिक नोटिफिकेशंस जारी करने की जरूरत है।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Jan 02, 2024 1:27 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।