Union Budget 2023 : वित्तमंत्री के इन उपायों से हर व्यक्ति के पास होगी हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी

Budget 2023: अभी इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की पहुंच आबादी के बड़े हिस्से तक नहीं है। खासकर हेल्थ पॉलिसी ज्यादा लोगों के पास नहीं है। इलाज पर बढ़ते खर्च को देखते हुए हेल्थ पॉलिसी की अहमियत बढ़ गई है। सरकार को हेल्थ पॉलिसी को एफोर्डेबल बनाने के लिए उपाय का ऐलान करना चाहिए

अपडेटेड Jan 25, 2023 पर 2:21 PM
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हेल्थ इंश्योरेंस की डिडक्शन लिमिट भी बढ़ाने की जरूरत है। सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन लिमिट अभी 25,000 रुपये है।

Budget 2023: इंश्योरेंस सेक्टर के लिए साल 2022 अच्छा रहा। IRDAI ने इंडस्ट्री के लिए रिफॉर्म्स के कई कदम उठाए। सरकार ने भी इंडस्ट्री को ओपन करने की कोशिश की। पॉलिसीहोल्डर्स को ज्यादा ऑप्शंस देने के लिए उपाय किए गए। पिछले साल के बजट में सरकार ने इंडस्ट्री में FDI की लिमिट बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी। देश में इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स की पहुंच बढ़ाने के लिए यह बड़ा कदम था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ाने के लिए कोशिश जारी रखनी होगी। अभी विकसित देशों की तुलना में इंडिया में इंश्योरेंस की पहुंच आबादी के बहुत कम हिस्से तक है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को यूनियन बजट पेश करेंगी। उम्मीद है कि वह इंश्योरेंस इंडस्ट्री के लिए कई बड़े ऐलान करेंगी।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार इंश्योरेंस सेक्टर को और ओपन करने के लिए कदम उठा सकती है। नियमों को आसान बनाने की भी जरूरत है। इंश्योरेंस एक्ट और इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट एक्ट में संशोधन करने से इस इंडस्ट्री की ग्रोथ बढ़ेगी। सरकार बीमा कंपनियों को कंपोजिट लाइसेंस जारी करने और हेल्थ इंश्योरेंस को मोटर इंश्योरेंस की तरह अनिवार्य बनाने के लिए कदम उठा सकती है।

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इंश्योरेंस इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का कहना है कि लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के प्रीमियम पर जीएसटी घटाने की जरूरत है। अभी यह 18 फीसदी है। इसे घटाकर 5 फीसदी करने की जरूरत है। इससे इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे। इससे लोगों की दिलचस्पी इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स खरीदने में बढ़ेगी। अभी कम इनकम वाले लोगों के लिए इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स खरीदना मुश्किल है। खासकर हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स आबादी के बड़े हिस्से की पहुंच से दूर हैं। इन्हें सस्ता बनाने से इनकी पहुंच बढ़ेगी।

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वित्तमंत्री को सेक्शन 80CCC के तहत डिडक्शन लिमिट बढ़ाने का भी ऐलान करना चाहिए। अभी यह लिमिट 1.5 लाख रुपये है। इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने की जरूरत है। इस सेक्शन के तहत खास पीपीएफ, लाइफ और पेंशन फंड्स में कंट्रिब्यूशंस पर टैक्स डिडक्शंस मिलता है। हेल्थ इंश्योरेंस की डिडक्शन लिमिट भी बढ़ाने की जरूरत है। सेक्शन 80डी के तहत हेल्थ पॉलिसी पर डिडक्शन लिमिट अभी 25,000 रुपये है। इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये तक करने की जरूरत है।

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First Published: Jan 25, 2023 1:09 PM

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