Abhishek Aneja
Abhishek Aneja
Budget 2023 : Income Tax department ने 6 जनवरी 2023 को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (Long Term capital gains) से छूट का दावा करने वाले टैक्सपेयर्स को राहत दी है। इसके तहत 1 अप्रैल 2021 से 28 फरवरी 2022 के बीच की अवधि के लिए इनवेस्टमेंट, डिपॉजिट, पेमेंट, एक्विजिशन, परचेज, कंस्ट्रक्शन आदि की शर्तों को पूरा करके इसका फायदा उठा सकते हैं। अब टैक्सपेयर्स परचेज या कंस्ट्रक्शन की कंप्लायंस को 31 मार्च, 2023 तक कर सकते हैं। हालांकि विलंबित/ रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने के लिए तय 31 दिसंबर, 2022 की तारीख (वित्त वर्ष 2021-22) बीत चुकी है। ऐसे में कुछ टैक्सपेयर्स के बीच इसका बेनिफिट लेने को लेकर भ्रम की स्थिति है।
क्यों जारी किया यह सर्कुलर
कोविड महामारी के चलते हुई उथलपुथल को देखते हुए सीबीडीटी (CBDT) ने उन टैक्सपेयर्स को 30 सितंबर 2021 तक का समय दिया था जो 1 अप्रैल 2021 से 29 सितंबर के बीच उक्त शर्त को पूरा नहीं कर सके थे। हालांकि, सीबीडीटी के सामने बढ़ाई गई समयसीमा के पर्याप्त नहीं होने का मुद्दा सामने उठाया गया।
क्या हैं एक्जम्प्शंस
इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) के तहत, टैक्सपेयर घर, एग्रीकल्चर लैंड, इंडस्ट्रियल एसेट्स या जमीन या बिल्डिंग आदि लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट्स की बिक्री या ट्रांसफर पर हुई आय या फायदे पर टैक्स से छूट का दावा करने के लिए पात्र होता है। इसके लिए Income Tax Act के सेक्शन 54 से 54जीबी के तहत कैपिटल गेन से जुड़ी धनराशि का इस्तेमाल करना होता है। जरूरी कंप्लायंस के लिए पेमेंट डेडलाइन छह महीने से तीन साल के बीच है।
सर्कुलर का असर
उदाहरण के लिए, यदि एक टैक्सपेयर सेक्शन 54 के तहत 1 फरवरी, 2019 को एक अन्य घर के कंस्ट्रक्शन के लिए अपने घर के ट्रांसफर पर वित्त वर्ष 2018-19 के लिए डिडक्शन क्लेम करता है तो उसेस तीन साल यानी 31 जनवरी, 2022 तक का समय मिलता है। अब टैक्सपेयर 2023 के इस पहले सर्कुलर का लाभ ले सकता है, यदि वह अपने बाकी कैपिटल गेन को 31 मार्च, 2023 तक इस्तेमाल करता है। इसी प्रकार 5 जनवरी 2020 को एक एग्री लैंड का ट्रांसफर करने की स्थिति में 4 जनवरी 2022 (यानी दो साल) तक एक्जम्प्शन के लिए दावा किया जा सकता है। इस प्रकार, अब उसे 31 मार्च 2023 तक जरूरी शर्त पूरी करने की मंजूरी है।
बढ़ाई गई समयसीमा तक कंप्लायंस पूरा नहीं करने की स्थिति में टैक्सपेयर को मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में कैपिटल गेन टैक्स चुकाना होगा।
किसे नहीं मिलेगा इस सर्कुलर का फायदा
- यदि कंप्लायंस पूरा करने की तारीख 1 अप्रैल 2021 से 28 फरवरी 2022 के बीच एक्सपायर नहीं हो रही है तो टैक्सपेयर बढ़ाई गई अवधि तक बेनिफिट क्लेम नहीं कर सकता है।
- Capital Gain Account में अप्रयुक्त राशि जमा करने के उद्देश्य से टैक्सपेयर बढ़ाई गई टाइमलाइन में लाभ का दावा नहीं किया जा सकता है, भले ही उक्त अवधि के दौरान कंप्लायंस पूरा करने की देय तिथि आ रही हो। उदाहरण के लिए, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बेची गई लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट्स से हुए कैपिटल गेन में अप्रयुक्त धनराशि जमा करने के लिए टैक्सपेयर को 31 जुलाई 2022 तक का समय दिया गया था, जिसका ऑडिट नहीं होना था। ऐसे में बढ़ाई गई तारीख में बेनिफिट क्लेम नहीं किया जा सकता, क्योंकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विलंबित या रिवाइज रिटर्नट फाइल करने की तारीख 31 दिसंबर 2022 को बीत चुकी है।
-यह शर्त उस स्थिति में भी लागू होती है जहां वित्त वर्ष 2020-21 या 2021-22 के दौरान ट्रांसफर की गई लॉन्ग टर्म एसेट्स के लिए सेक्शन 54 ईसी के तहत एक्जम्प्शन क्लेम करने से चूक गए हैं जहां ट्रांसफर की तारीख के बाद इनवेस्टमेंट के लिए दी गई छह महीने की अवधि 1 अप्रैल 2021 से 28 फरवरी 2022 के बीच पड़ रही हो, क्योंकि दोनों ही वित्त वर्षों के लिए रिटर्न दाखिल करने की तारीख बीत चुकी है।
ऐसा लगता है कि CBDT ने जानबूझकर वित्त वर्ष 2021-22 के लिए विलंबित रिटर्न या रिवाइज रिटर्न दाखिल करने की तारीख बीतने के बाद सर्कुलर जारी किया है, जिससे छूट का दावा करने का फायदा कुछ खास श्रेणी के टैक्सपेयर ही उठा सकें।
(लेखक पेशे से सीए हैं।)
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