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Budget 2022: निर्मला सीतारमन के सामने कृषि क्षेत्र के लिए सार्थक बजट पेश करने की चुनौती

तीनों कृषि कानूनों पर धोबीपाट से चित हुई सरकार बजट में किसी बड़े सुधार की घोषणा करेगी, इसकी संभावना नहीं के बराबर है, फिर भी पिछले 7 वर्षों के दौरान कृषि क्षेत्र में उठाए गये कदमों की दिशा को कायम रखते हुए आगे बढ़ने के लिए वित्त मंत्री के पास काफी विकल्प हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 31, 2022 पर 9:39 AM
Budget 2022: निर्मला सीतारमन के सामने कृषि क्षेत्र के लिए सार्थक बजट पेश करने की चुनौती
निर्मला सीतारमण इस बार किसानों को क्या तोहफा देंगी?

भुवन भास्कर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन कल 2022-23 का आम बजट पेश करने जा रही हैं। जाहिर है तमाम विशेषज्ञ अपनी-अपनी अटकलें लगा रहे हैं कि बजट में क्या आ सकता है और कहां वित्त मंत्री इस बार भी चूक सकती हैं। लेकिन कुल मिलाकर एक बात बहुत साफ है कि रोजगार वित्त मंत्री की प्राथमिकता होगा और वित्तीय घाटे को कोरोना पूर्व के लक्ष्य, जिसे FRBM (फिस्कल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड बजट मैनेजमेंट) कानून के तहत तय किया गया है, की ओर वापस ले जाने की कोशिशें होंगी। उद्योगों को क्या चाहिए, यह सबको पता है; अर्थव्यवस्था को क्या चाहिए, यह सबको पता है; इंफ्रास्ट्रक्चर हो या सामाजिक क्षेत्र, दिशा क्या होनी चाहिए – इस बारे में सबको स्पष्टता है। लेकिन एक क्षेत्र, जिसे लेकर भ्रम की स्थिति बन चुकी है – वह है कृषि।

यह एक विडंबना है कि पिछले 7 आम बजट में से लगभग सभी में कृषि पर सबसे ज्यादा जोर देने वाली मोदी सरकार के लिए इस बार के बजट में कृषि को लेकर कोई साफ अनुमान लगा पाना कठिन है, क्योंकि सरकार के कृषि सुधारों के लिहाज से तीनों कृषि कानून अत्यंत महत्वपूर्ण थे। लेकिन अब तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जा चुका है। इसके बाद सरकार बजट में किसी बड़े कृषि सुधार की घोषणा करेगी, इसकी संभावना नहीं के बराबर है। इसके बावजूद मोदी सरकार के लिए देश के किसानों को और कृषि को देने के लिए क्या विकल्प मौजूद हैं, इस पर एक नजर डालना रोचक होगा।

कृषि के क्षेत्र में मोदी सरकार के पिछले 7 सालों के कार्यकाल में किए गए कामों का यदि वर्गीकरण किया जाए, तो उसे 3 भागों में बांटा जा सकता है, पहला कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर, दूसरा किसानों का आर्थिक सशक्तीकरण और तीसरा, कृषि के सहायक क्षेत्रों, जैसे डेयरी, पोल्ट्री, मत्स्य पालन इत्यादि पर विशेष जोर। वित्त मंत्री आम बजट 2022-23 में भी कमोबेश इसी वर्गीकरण के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करेंगी, लेकिन कोई क्रांतिकारी नीतिगत हस्तक्षेप की घोषणा शायद ही हो।

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