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Budget 2022: NPS कंट्रिब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन के नियम क्या हैं, बजट में हुए बदलाव से किसे फायदा होगा?

अभी केंद्र सरकार के कर्मचारी एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर 14 फीसदी तक टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। बजट में ऐलान से पहले राज्य सरकार के कर्मचारी एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर 10 तक टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते थे। इस तरह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग नियम था

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 03, 2022 पर 3:04 PM
Budget 2022: NPS कंट्रिब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन के नियम क्या हैं, बजट में हुए बदलाव से किसे फायदा होगा?
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी अब भी एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर 10 फीसदी तक ही टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसका मतलब है कि एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन के नियम में अब भी पूरी तरह समानता नही है।

अगले वित्त वर्ष के लिए पेश बजट (Budget 2022) में नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में कंट्रिब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन के नियम में बदलाव का ऐलान किया गया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन लिमिट को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी किया जा रहा है। इसका मतलब क्या है, इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को कितना फायदा होगा, प्राइवेट सेक्टर के इंप्लॉयीज के लिए क्या नियम हैं? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

अभी केंद्र सरकार के कर्मचारी एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर 14 फीसदी तक टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। बजट में ऐलान से पहले राज्य सरकार के कर्मचारी एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर 10 तक टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते थे। इस तरह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग नियम था। वित्त मंत्री ने इस बजट में नियम में इस फर्क को खत्म कर दिया है। हालांकि, प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी अब भी एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर 10 फीसदी तक ही टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसका मतलब है कि एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर टैक्स डिडक्शन के नियम में अब भी पूरी तरह समानता नही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वित्तमंत्री को प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी एनपीएस में कंट्रिब्यूश पर टैक्स डिडक्शन की लिमिट बढ़ानी चाहिए थी।

एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर टैक्स छूट के नियम क्या हैं?

एनपीएस के टियर 1 अकाउंट में इन्वेस्टमेंट पर सेक्शन 80सीसीडी के तहत 1.5 लाख रुपये के डिडक्शन की इजाजत है। यह सरकार और प्राइवेट दोनों ही सेक्टर के कर्मचारियों के लिए है। लेकिन, यह ध्यान रखना होगा कि सेक्शन 80सी, 80सीसीसी (बीमा कंपनी की तरफ से ऑफर किए जाने वाले पेंशन प्लान में इन्वेस्टमेंट) और सेक्शन 80सीसीडी (1) के तहत डिडक्शन की कुल रकम एक फाइनेंशियल ईयर में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

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