Budget 2022 : फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 में बुजुर्गों के लिए कोई ऐलान नहीं किया। हालांकि, दिव्यांगों के लिए कर राहत देने का प्रस्ताव किया गया। साथ ही उन्होंने माता-पिता या गार्जियन की उम्र 60 साल होने पर उनके दिव्यांग आश्रितों को जीवन भर एकमुश्त या एन्युटी के भुगतान का प्रस्ताव किया है।
दिव्यांग के माता-पिता या गार्जियन को टैक्स डिडक्शन की सुविधा
बजट भाषण में सीतारमण ने कहा, दिव्यांगता से जूझ रहे व्यक्ति के माता-पिता या फिर गार्जियन ऐसे व्यक्ति के लिए बीमा स्कीम ले सकते हैं। वर्तमान कानून पैरेंट या गार्जियन को उसी स्थिति में डिडक्शन की सुविधा देता है, जब उसमें सब्सक्राइबर यानी माता-पिता या गार्जियन की मृत्यु पर दिव्यांग व्यक्ति को एकमुश्त भुगतान या एन्युटी की सुविधा उपलब्ध हो।
माता-पिता के 60 साल का होने पर दिव्यांगों को जीवन भर एन्युटी
वित्त मंत्री ने माता-पिता या गार्जियन की आयु 60 वर्ष होने पर उनके जीवनकाल के दौरान दिव्यांग आश्रितों को एन्युटी या एकमुश्त धनराशि के भुगतान का प्रस्ताव किया है। मौजूदा कानून के अनुसार एकमुश्त भुगतान या फिर एन्युटी का विकल्प दिव्यांग व्यक्ति के लिए उपलब्ध है, अगर उसके माता-पिता या अभिभावक मृत्यु हो जाती है।
सीतारमण ने कहा, “ऐसी स्थिति हो सकती है, जहां पैरेंट या गार्जियन की जीवनकाल के दौरान दिव्यांग आश्रितों को एन्युटी या एकमुश्त धनराशि की जरूरत हो सकती है। इसलिए मैं पैरेंट्स या गार्जियन की उम्र 60 साल पूरी होने पर पूरे जीवन दिव्यांग आश्रित को एन्युटी और एकमुश्त धनराशि के लिए मंजूरी दिए जाने का प्रस्ताव करती हूं।”
बुजुर्गों के लिए टैक्स स्लैब
हालांकि वित्त मंत्री ने पिछले साल भी इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था। 60 साल से लेकर 80 साल तक के बुजुर्गों को 3 लाख रुपए तक की टैक्सेबल आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है। 3 से 5 लाख रुपए की टैक्सेबल आमदनी हो तो कुल आय पर 5% (10,000 रुपए) का टैक्स लगता है।
5 से 10 लाख रुपए की टैक्सेबल आमदनी पर 10000 रुपए +कुल आमदनी पर 20% टैक्स देना होगा।
इसी तरह 10 लाख रुपए से ज्यादा टैक्सेबल आमदनी पर 1,10,000 रुपए+कुल आमदनी पर 30% टैक्स देना होगा।