रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने बुधवार को इनकम टैक्स रिटर्न को दो साल तक अपडेट करने की सुविधा के बारे में कई अहम बातें बताई। उन्होंने यह भी कहा कि इसे एमनेस्टी स्कीम नहीं समझा जाए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को पेश बजट (Budget 2020) में कहा था कि टैक्सपेयर्स अपने इनकम टैक्स रिटर्न को दो साल के अंदर अपडेट कर सकते हैं। आइए जानते हैं बजाज ने इस ऐलान के बारे में क्या-क्या कहा।
बजाज ने कहा कि बजट में यह कहा गया है कि ऐसे टैक्सपेयर्स हो सकते हैं, जो इनकम टैक्स रिटर्न में किसी इनकम के बारे में बताना भूल गए हों। ऐसे टैक्सपेयर्स को अपने रिटर्न को रिवाइज करने की इजाजत दी गई है। उन्होंने बताया कि यह सुविधा जारी रहेगी। टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त इनकम पर टैक्स चुकाना होगा।
इस सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए इसकी कुछ शर्तों के बारे में जान लेना जरूरी है। पहला, अगर अपडेटेड रिटर्न 12 महीने के अंदर फाइल किया जाता है तो बकाया टैक्स और इंट्रेस्ट पर अतरिक्त 25 फीसदी रकम चुकानी होगी। दूसरा, अगल अपडेटेड रिटर्न 12 महीने के बाद लेकिन 24 महीने के अंदर फाइल किया जाता है तो टैक्स का रेट बढ़कर 50 फीसदी हो जाएगा।
इसे एक उदाहरण से आसानी से समझा जा सकता है। मान लीजिए कोई टैक्सपेयर अपनी 50,000 रुपये की इनकम को बताना भूल जाता है। मान लीजिए इस पर उसकी टैक्स लायबिलिटी 15,000 रुपये है। तब उसे 15,000 की इस रकम पर 25 फीसदी या 50 फीसदी एक्स्ट्रा (अपडेटेड रिटर्न कब फाइल किया जाता है, उसके हिसाब से) टैक्स चुकाना होगा।
बजाज ने कहा कि चूंकि स्मॉल इनवेस्टर्स कई तरह के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन करते हैं, इसलिए ऐसा हो सकता है कि वे कुछ इनकम के बारे में आईटीआर में बताना भूल जाए। ऐसा भी हो सकता है कि कुछ लोग विदेश गए हों और इस वजह से अपना रिटर्न फाइल नहीं कर सके हों। ऐसे टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने का चांस मिलेगा।
मंगलवार को बजट में आईटीआर अपडेट करने की सुविधा के ऐलान के बाद से इसे लेकर खूब चर्चा हो रही है। टैक्सपेयर्स इसके पहलुओं के बारे में जानना चाहते हैं। बजाज के स्पष्टीकरण के बाद उनके कई कनफ्यूजन दूर हो जाने की उम्मीद है।