कोरोना महामारी से बुरी चोट खाई ट्रैवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री को आगामी बजट से बड़ी उम्मीदें है। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस सेक्टर को सपोर्ट देने के लिए बड़े एलान कर सकती हैं। MakeMyTrip, ixigo और Thomas CooK जैसे इंडस्ट्री लीडरों का कहना है कि सरकार को टैक्सपेयरों के लिए लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) की छूट की सीमा बढ़ानी चाहिए।
इनका कहना है कि सरकार को LTA छूट सीमा बढ़ाने के साथ ही इसको टैक्स पेयरों के ईयरली अलाउंस लिस्ट के तहत लाने पर विचार करना चाहिए। वर्तमान में कोई करदाता 2 साल में एक बार अथवा 4 साल में 2 बार लीव ट्रैवल छूट के लिए अप्लाई कर सकता है। MakeMyTrip के Rajesh Magow का कहना है कि ज्यादा बेहतर यह होगा कि इम्पलाइंस को वार्षिक आधार पर इस छूट के क्लेम की सुविधा मिलनी चाहिए।
ऑनलाइन ट्रैवल पोर्टल ixigo's के फाउंडर आलोक बाजपेई (Aloke Bajpai) का कहना है कि उनको उम्मीद है कि सरकार इनबाउंड इंटरनेशनल ट्रैवल को प्रोत्साहन देने के लिए एक टिकाऊ और लॉन्ग टर्म वाली योजना लेकर आएगी। बता दें कि इस सेगमेंट को कोरोना की चालू लहर के दौरान भारी चोट पड़ी है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगामी बजट में घरेलू टूरिज्म को इंसेटिव दिया जाना चाहिए और देश के अंदर होने वाले पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए प्रावधान होते नजर आने चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि घरेलू ट्रैवल और टूरिज्म पर होने वाले खर्च में आयकर डिडक्शन का प्रावधान होने से डॉमेस्टिक ट्रैवल और टूर इंडस्ट्रीज को फायदा होगा। इसके अलावा एयरलाइंस सेक्टर के लिए टैक्स ब्रेक और वेवर के प्रावधान से भी इस इंडस्ट्रीज में तेज रिकवरी हो सकती है। हवाई ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने से एविएशन सेक्टर को बड़ी राहत मिलेगी।
गौतरलब है कि पिछले साल टूरिज्म मंत्रालय के लिए किया जाने वाला प्रावधान 2020-21 के 2500 करोड़ रुपये से घटाकर 2026.77 करोड़ रुपये पर दिया गया था जो इंडस्ट्री के लिए बड़ा झटका था।
इंडस्ट्री दिग्गजों का कहना है कि आगामी बजट में टूरिज्म मिनिस्ट्री को आबंटन बढ़ाए जाने की जरुरत है। इसके अलावा इनका ये भी कहना है कि इंडियन टूर ऑपरेटरों द्वारा बेचे गए विदेशी हॉलिडे पैकेजों पर लगने वाले 5 फीसदी टैक्स एट सोर्स (TCS) को भी वापस लिया जाना चाहिए।