Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 1 फरवरी को बजट पेश करते हुए इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव का ऐलान नहीं किया। टैक्सपेयर्स के लिए इनकम टैक्स नियमों में बदलाव करते हुए उन्होंने कहा कि अब कोई टैक्सपेयर्स असेसमेंट ईयर के खत्म होने के दो साल तक इनकम टैक्स रिटर्न भर सकता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि दो साल तक आयकर रिटर्न भरने की सहूलियत देने से टैक्स से जुड़े कानूनी मुकदमों में कमी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, "कई बार टैक्सपेयर्स से आईटीआर भरने में अनजाने में चूक या कोई गलती हो जाती है। ऐसे में इस साल से नया प्रावधान किया जा रहा है, जिससे अब आयकर रिटर्न को असेसमेंट ईयर से 2 साल तक दाखिल किया जा सकता है या अपडेट किया जा सकता है।"
पिछले साल निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था। लेकिन टैक्स से जुड़े कई दूसरे अहम फैसले लिए थे। सरकार ने कहा था कि टैक्सपेयर का केस 3 साल बाद नहीं खोला जा सकेगा। ऐसा बस एक ही सूरत में हो सकता है जब टैक्सपेयर्स ने एक साल में 50 लाख रुपए से ज्यादा रकम की टैक्स चोरी की हो।
पिछले साल बजट में दूसरा अहम फैसला यह किया गया था कि फॉर्म 26 AS में TDS के साथ डिविडेंड की भी डिटेल को शामिल किया था। यानी शेयर बाजार में निवेश के बाद कंपनियों से जो डिविडेंड मिलता था उसका जिक्र भी 26AS में होगा।
इसके अलावा बैंक और पोस्ट ऑफिस से मिलने वाला ब्याज भी 26AS में दिखाने का प्रावधान किया गया था। इसमें शेयर और लिस्टेड सिक्योरिटी से होने वाले कैपिटल गेन टैक्स की जानकारी भी 26AS में शामिल कर दिया गया था।
पिछले साल बजट में तीसरा अहम बदलाव था कि टैक्स मामलों से जुड़े विवादों को निपटाने के लिए एक कमिटी बनाई जाएगी। अगर किसी टैक्सपेयर्स की सालाना आमदनी 50 लाख रुपए है और उसका टैक्स विवाद 10 लाख रुपए का है तो वह इस कमिटी के जरिए फेसलेस तरीके से एप्लिकेशन देकर अपने केस का निपटारा कर सकता है।