Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 1 फरवरी को आम बजट पेश करने के बाद मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स से 'माफी' मांगी। बजट में इस साल इनकम टैक्स के संबंध में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर बजट पेश होने के बाद से ही मीडिल क्लास और सैलरी टैक्सपेयर्स मायूसी जता रहे हैं।
वित्त मंत्री के रूप में लगातार चौथा बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह के बदलाव से खुद को दूर रखा। कोरोना महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के चलते मिडिल क्लास पर भी दवाब बढ़ा है। वित्त मंत्री से जब पूछा गया कि मिडिल क्लास के लिए बजट में कोई टैक्स राहत क्यों नहीं दिया गया तो उन्होंने कहा, "मैं कोई घिसा-पिटा जवाब नहीं देना चाहती हूं। अगर मैं कहना चाहूं तो, इस सवाल के जवाब मैं कह सकती हूं कि टैक्स नहीं बढ़ाना ही अपने आप में एक राहत है। लेकिन मैं ऐसा नहीं कहूंगी। कई बार ऐसा होता है कि आपको कुछ चीजों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसलिए मैं माफी मांगती हूं कि इस बार यह नहीं हो पाया।"
सीतारमण ने इसके साथ यह भी कहा कि वह इसे लेकर खेद जता रही है। हालांकि यह भी देखा जाना चाहिए मैंने सिर्फ इस साल ही नहीं, बल्कि पिछले साल भी टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी।
उन्होंने कहा, "मैं फिर से यह कहना चाहूंगी कि मैंने पिछले 2 सालों से टैक्स में बढ़ोतरी नहीं की है। न ही मैंने इनकम टैक्स के जरिए कोई अतिरिक्त रेवेन्यू हासिल करने की कोशिश की है। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे निर्देश दिया था कि चाहे कितनी भी दिक्कत हो, लेकिन इस कोरोना महामारी के समय में लोगों पर इनकम टैक्स का बोझ नहीं बढ़नी चाहिए। हमने इसी का पालन किया है।"
राहुल गांधी बोले- बजट में गरीब, मिडिल क्लास और युवाओं के लिए कुछ नहीं
केंद्र सरकार बजट को जहां एक तरफ दूरदर्शी और अर्थव्यवस्था को तेज गति देने वाला बता रही है, वहीं विपक्ष ने इसे आम आदमी के साथ धोखा करार दिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि इस बजट में नौकरी पेशा, मिडिल क्लास, गरीबों और वंचितों, किसानों और युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि, मोदी सरकार का जीरो सम बजट- जिसमें वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीब और वंचित, युवा, किसान और एमएसएमई के लिए कुछ भी नहीं है।
राहुल पर सीतारमण ने कसा तंज
राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस नेता बिना सोचे-समझे बयान देते हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे उन लोगों पर दया आती है जो बहुत जल्दी प्रतिक्रिया देते हैं। सिर्फ इसलिए कि आप ट्विटर पर कुछ टिप्पणी करना चाहते हैं, यह आपके काम नहीं आएगा। पहले उन्हें कांग्रेस शासित राज्यों में कुछ करना चाहिए और तब इसके बाद इसके बारे में बोलना चाहिए।'