वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को बजट (Budget 2022) का ऐलान किया। इसमें उन्होंने यह बताया कि सरकार अगले वित्त वर्ष में कितनी रकम उधार से जुटाएगी। सरकार हर साल उधार से बड़ी रकम जुटाती है। वह बॉन्ड बेचकर यह रकम जुटाती है। आम तौर पर वित्त मंत्री उधार से जुटाई जाने वाली रकम के बारे में बजट में बताता है।
निर्मली सीतारमण ने कहा, "अगले वित्त वर्ष में सरकार के मार्केट बॉरोइंग के तहत सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी किए जाएंगे। इसका इस्तेमाल ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए किया जाएगा। इससे इकोनॉमी में कार्बन इंटेनसिटी में कमी लाने में मदद मिलेगी।"
संसद में पेश बजट के डॉक्युमेंट से पता चलता है कि सरकार अगले वित्त वर्ष में करीब 15 लाख करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड बेचना चाहती है। दरअसल, अगले वित्त वर्ष में सरकार का कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इसके मुकाबले सरकार को टैक्स सहित सभी सोर्स से मिलने वाली रकम 22.84 लाख करोड़ रुपये रहेगी। इस तरह खर्च और आय के बीच के अंतर को पाटने के लिए सरकार बॉन्ड के जरिए बाजार से उधार लेगी।
पिछले साल पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के दौरान बाजार से 12.5 लाख करोड़ रुपये उधार के रूप में जुटाने का लक्ष्य तय किया था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसमें से 7.24 लाख करोड़ रुपये उधार से जुटा चुकी है। बाकी रकम दूसरी छमाही में जुटाने की योजना है।
सरकार का बाजार से ज्यादा उधार लेना इकोनॉमी के लिए अच्छा नहीं होता है। इससे ब्याज दर बढ़ने की आशंका होती है। इसके अलावा उद्योग और कारोबार के लिए सिस्टम में पर्याप्त पैसा नहीं बचता है। सिस्टम में ब्याज दर बढ़ने से आम आमदी पर भी असर पड़ता है। होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन मंहगा हो जाता है।