केंद्र सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 में आरबीआई (RBI) और सरकारी बैंकों (PSU Banks) से कम डिवेंडड मिलने के आसार है। यह रकम 27 फीसदी घटकर 73,948 करोड़ रुपये रह सकती है। कुल मिलाकर यह चालू वित्त वर्ष के रिवाइज्ड बजट एस्टिमेट से 27,400 करोड़ रुपये कम है। चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने आरबीआई, सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थाओं से डिविंडेंड का रिवाइज्ड एस्टिमेट बढ़ाकर 1,01,353 करोड़ रुपये कर दिया था।
चालू वित्त वर्ष के दौरान आरबीआई ने सरकार को 99,122 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया है। यह डिविडेंड पिछले वित्त वर्ष के लिए था, जिसका भुगतान पिछले साल मई में किया गया। बजट डॉक्युमेंट से पता चलता है कि अगले वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों और दूसरे निवेश से डिविडेंड के अनुमान को भी कम कर दिया गया है। इसे चालू वित्त वर्ष के 46,000 करोड़ रुपये के रिवाइज्ड बजट एस्टिमेट के मुकाबले 40,000 करोड़ रुपये रखा गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष के लिए इकोनॉमी में कुल सालाना खर्च को बढ़ाकर 39.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। उन्होंने ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया है। उन्होंने कैपिटल एक्सपेंडिचर को भी बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये रखने का फैसला किया है।
दरअसल, कोरोना की मार से अब इकोनॉमी उबरने का संकेत दे रही है। इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 9.2 फीसदी रहने की उम्मीद है। अगले वित्त वर्ष में ग्रोथ 8 से 8.5 फीसदी के बीच रह सकती है। निर्मला सीतारमण ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए सरकार के खर्च में इजाफा करना चाहती है। मंगलवार को उन्होंने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश किया। इसमें ग्रोथ पर काफी जोर दिया गया है।