Union budget 2022:ब्रोकरेज फर्मों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा 1 फरवरी को पेश यूनियन बजट 2022-23 को इकोनॉमी के लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए अच्छा बताया है लेकिन नियर टर्म में इक्विटी वैल्यूएशन के लिए खराब बताया है। कल पेश किए बजट में 2022-23 के लिए कैपिटल एक्सपेंडीचर स्पेनडिंग को 35 फीसदी बढ़ाकर 7.5 लाख करने का एलान किया है।
Edelweiss Securities ने अपने एक नोट में कहा है कि यह बजट महामारी काल से इकोनॉमी को सपोर्ट देने के काल की तरफ एक बदलाव है। जिसमें इकोनॉमी को स्थिर और उच्च ग्रोथ के रास्ते पर लाने के लिए कदम उठाए गए हैं। इस बजट में ग्रोथ को बढ़ाने के लिए इन्वेस्टमेंट पर ज्यादा फोकस किया गया है जबकि खपत को बढ़ाने पर कम फोकस किया गया है।
इसी तरह Nomura Securities ने अपने नोट में कहा है कि वित्त वर्ष 2023 के बजट में वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की भावना रही है लेकिन ग्रोथ को बढ़ाने की इच्छा ज्यादा तेज रही है। हालांकि फिस्कल कंसोलिडेशन पर उम्मीद से कम फोकस के चलते इक्विटी मार्केट के वैल्यूएशन पर असर पड़ता नजर आ सकता है। जो अभी भी अपने ल़ॉन्ग टर्म एवरेज से काफी ज्यादा है। सरकार का वित्तीय घाटा वर्तमान वित्त वर्ष के लिए बढ़कर 6.9 फीसदी पर पहुंच गया है जबकि अगले साल इसके 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है जो अर्थशास्त्रियों के 6 फीसदी अनुमान से कहीं ज्यादा है।
जानकारों का यह भी कहना है कि सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में कर्ज लेने की योजना (11लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) की वजह से बॉन्ड यील्ड में बढ़त देखने को मिल सकती है जिससे इक्विटी मार्केट पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
UBS Securities India ने भी अपने एक नोट में कहा है कि सरकार के बड़ी बॉरोईंग योजना से बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी आएगी जिसका इक्विटी मार्केट पर नेगेटिव असर पड़ेगा।
एक दूसरे ब्रोकरेज फर्म Morgan Stanley का कहना है कि यह बजट स्टॉक मार्केट के लिए पॉजिटिव है। बजट के चलते देश में एक नया कैपेक्स साइकिल शुरु होता नजर आ सकता है जो आगे नए प्रॉफिट साइकिल को गति दे सकता है।