दो नई एयरलाइंस आकाशा (Akasa) और जेट एयरवेज 2.0 (Jet Airways 2.0) के अगले साल की शुरुआत में होने वाले लॉन्च से कुछ सेक्टर्स में हवाई किरायों में तुरंत असर दिखने का अनुमान है, हालांकि इनका बाजार पर ज्यादा प्रभाव अगले दो से तीन साल में दिखने का अनुमान है जब ये एयरलाइंस अपना विस्तार करेंगी। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने लाइवमिंट की एक रिपोर्ट में ये बातें कही हैं।
अरबपति राकेश झुनझुनवाला के निवेश वाली एसएनवी एविएशन (SNV Aviation) अल्ट्रा लो कॉस्ट एयरलाइन का परिचालन करेगी। कंपनी ने 9 अरब डॉलर में 72 बोइंग 737-8 मैक्स एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया है और इसकी लॉन्चिंग 2022 की गर्मियों में होने का अनुमान है।
आकाशा से लो कॉस्ट कैरियर मार्केट में दिखेगी हलचल
नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर गुरुग्राम की एक एयरलाइन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “आकाशा से लो कॉस्ट कैरियर मार्केट में हलचल होने का अनुमान है, जिसमें इंडिगो का दबदबा है लेकिन ऐसा इसके व्यापक विस्तार के बाद ही होगा। शॉर्ट टर्म में, एयरलाइन के चलते इंडस्ट्री में टॉप टैलेंट के लेवल पर बदलाव दिख सकता है और कुछ सेक्टर्स में हवाई किराये प्रभावित हो सकते हैं।”
नई कंपनियों के आने से ट्रैवलर्स को होगा फायदा
जेट एयरवेज 2.0 अगले साल की शुरुआत में लॉन्च हो सकती है। उसके प्रमोटर्स अगले तीन साल में कम से कम 50 एयरक्राफ्ट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी EaseMyTrip.com के सीईओ और को-फाउंडर निशांत पिट्टी ने कहा, “डिमांड लगातार बढ़ती रहेगी और नई कंपनियों के मार्केट में आने से ट्रैवलर्स को बेनिफिट्स व नए ऑप्शन मिलेंगे।”
उन्होंने कहा, “मार्केट में कीमतों और ऑफर्स के लिहाज से ज्यादा हलचल दिखेगी, जिससे बाजार के महामारी से पहले के स्तर पर पहुंचने में मदद मिलेगी।”
वित्त वर्ष 2025 तक ही दिखेगा असर
हालांकि यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि आकाशा और जेट एयरवेज 2.0 के लिए लॉन्च के तुरंत बाद मुंबई जैसे व्यस्त हवाईअड्डों पर प्राइम स्लॉट्स हासिल करना खासा मुश्किल होगा। इससे उनके लिए मुंबई-नई दिल्ली जैसे व्यस्त रूटों पर दूसरी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल होगा। एविएशन कंसल्टैंसी कापा को उम्मीद है कि आकाशा के वित्त वर्ष 2025 तक ही बाजार को प्रभावित करने की स्थिति में पहुंचने का अनुमान है, जब तक इसका विस्तार होग और यह कॉस्ट के लिहाज से कॉम्पिटीशन देने की स्थिति में होगी।
टैलेंट को रोकना होगा मुश्किल
हालांकि, कापा इंडिया ने हाल में जारी एफवाई22 मिड ईयर आउटलुक में कहा, टाटा ग्रुप के एयर इंडिया के अधिग्रहण और दो नई कंपनियों के आने से एयरलाइंस को टैलेंट को रोककर रखना खासा मुश्किल हो जाएगा और इस मोर्चे पर सबसे ज्यादा असर इंडिगो पर होने का अनुमान है।