Air India-Vistara Merger की कब खिसकेगी गाड़ी? Singapore Airlines ने किया खुलासा

Air India-Vistara Merger: एयर इंडिया (Air India) और विस्तारा (Vistara) के विलय का ऐलान नवंबर 2022 में हुआ था। हालांकि अभी तक इस पर बात बहुत आगे नहीं बढ़ पाई है। अब सिंगापुर एयरलाइंस ने खुलासा किया है कि इस मामले में क्या हो रहा है और प्रक्रिया पूरा होने के लिए किस बात का इंतजार हो रहा है?

अपडेटेड Feb 21, 2024 पर 1:00 PM
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विस्तारा सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा समूह का ज्वाइंट वेंचर है। एयर इंडिया और विस्तारा के विलय का ऐलान नवंबर 2022 में की गई थी। इस सौदे के तहत सिंगापुर एयरलाइंस को एयर इंडिया में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी।

Air India-Vistara Merger: एयर इंडिया (Air India) और विस्तारा (Vistara) के प्रस्तावित विलय की प्रक्रिया पर अभी काम चल रहा है। इस मामले में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) और बाकी नियामकीय मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। यह जानकारी सिंगापुर एयरलाइंस ने दी है। विस्तारा सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा समूह का ज्वाइंट वेंचर है। एयर इंडिया और विस्तारा के विलय का ऐलान नवंबर 2022 में की गई थी। इस सौदे के तहत सिंगापुर एयरलाइंस को एयर इंडिया में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी मिलेगी। वहीं एयर इंडिया का मालिकाना हक 27 जनवरी 2022 को आधिकारिक तौर पर टाटा ग्रुप को मिली थी। इससे पहले यह सरकारी एयरलाइन थी।

Air India-Vistara Merger पर उत्साहित है Singapore Airlines

सिंगापुर एयरलाइंस ने दिसंबर तिमाही के अपने नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि इस विलय से भारत में उसकी उपस्थिति बढ़ेगी, मल्टी-हब रणनीति मजबूत होगी। इसके अलावा सिंगापुर एयरलाइंस को भारत के बड़े और तेजी से बढ़ रहे एविएशन मार्केट में सीधे हिस्सा लेने की अनुमति मिल जाएगी। एयर इंडिया और विस्तारा के विलय पर काम हो रहा है। इसके लिए FDI के साथ-साथ बाकी नियामकीय मंजूरी का इंतजार हो रहा है। इसके पूरा होने पर सिंगापुर एयरलाइंस को एयर इंडिया ग्रुप में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी मिल जाएगी। पिछले महीने विस्तारा के सीईओ विनोद कन्नन ने कहा था कि यह विलय सौदा 2025 के मध्य तक पूरा हो सकता है और लेन-देन के लिए सभी कानूनी मंजूरी इस साल के मध्य तक मिलने की उम्मीद है।


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कैसी है एविएशन मार्केट की हालत

सिंगापुर एयरलाइंस का कहना है कि हवाई सफर की मांग मजबूत बनी हुई है। हालांकि बढ़ते कॉम्पटीशन के चलते पैसेंजर यील्ड्स पर यानी एक मील पर एक पैसेंजर से मिलने वाले औसत किराए पर दबाव जारी रहा। बढ़ते जियोपॉलिटिकल टेंशन और आर्थिक अस्थिरता के चलते भी बिजनेस सेंटिमेंट और हवाई सफर की मांग पर दबाव पड़ रहा है। सिंगापुर एयरलाइंस का कहना है कि महंगे तेल और इनफ्लेशन के दबाव के अलावा सप्लाई चेन से जुड़ी चिंताओ ने वैश्विक स्तर पर ऑपरेटिंग कॉस्ट को लेकर चुनौती पेश कर दी है।

Moneycontrol News

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First Published: Feb 21, 2024 1:00 PM

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