पेटीएम (Paytm) के पास मौजूद 2,000 करोड़ का फंड इस मुश्किल घड़ी में कंपनी के काम आ सकता है। पेटीएम ने छोटी कंपनियों के अधिग्रहण के मकसद से IPO के जरिये यह रकम जुटाई थी। पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद कंपनी के रेवेन्यू और प्रॉफिट को चोट पहुंच सकती है।
पेटीएम ने नवंबर 2021 में IPO लॉन्च किया था और इसके जरिये 8,300 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी द्वारा स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई जानकारी के मुताबिक, इसमें से 4,300 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कुछ खास जरूरतों के लिए किया गया था, जबकि 1,819.4 करोड़ रुपये कंपनी की सामान्य जरूरतों पर खर्च किए गए थे। हालांकि, 31 दिसंबर 2023 के आंकड़ों के मुताबिक IPO में बचे 2,000 करोड़ रुपये अब भी बैंक में जमा हैं। कंपनी ने इस सिलसिले में मनीकंट्रोल के सवालों के जवाब में नहीं दिए।
मनीकंट्रोल ने 8 फरवरी को खबर दी थी कि Paytm बेंगलुरु की कंपनी बिटसिला (Bitsila) के अधिग्रहण के लिए बातचीत कर रही है। सूत्रों ने बताया कि पेटीएम आने वाले दिनों में ऐसे और अधिग्रहण के लिए कोशिश कर सकती है, ताकि वह अपने कोर पेमेंट्स बिजनेस का बेहतर तरीके से बचाव कर सके। खबरों के मुताबिक, रिजर्व बैंक के आदेश के बाद पेटीएम नेटवर्क (Paytm network) पर मौजूद कई मर्चेंट्स ने अन्य पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है।
एक सीनियर बैंकर ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, ' कंपनी ने अब तक इस रकम का इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन मौजूदा हालात में इस बात की प्रबल संभावना है कि कंपनी अधिग्रहण के लिए इस रकम का इस्तेमाल कर सकती है। इससे पेटीएम के कोर बिजनेस को सहारा मिलेगा और कंपनी के मार्केट शेयर को भी बचाए रखने में मदद मिलेगी।'
उन्होंने कहा, 'जाहिर तौर पर अधिग्रहण के लिए कोर पेमेंट बिजनेस एक क्षेत्र है, लेकिन कंपनी बाकी क्षेत्रों मसलन फाइनेंशियल सर्विसेज आदि में भी अधिग्रहण के विकल्पों पर गौर कर सकती है, जिससे कंपनी को मौजूदा चुनौतियों से निपटने में मदद मिल सकती है।'