Telangana Election 2023: चुनाव आयोग ने तेलंगाना में सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (BRS) को बड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग ने सोमवार को 'रायथु बंधु' योजना (Rythu Bandhu Scheme) के तहत रबी फसलों के लिए किसानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की किस्त बांटने के लिए तेलंगाना सरकार को दी गई अनुमति वापस ले ली। चुनाव आयोग ने राज्य के वित्त मंत्री टी. हरीश राव द्वारा इसे लेकर सार्वजनिक घोषणा करने के बाद यह फैसला लिया, क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन है। बता दें कि तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा।
चुनाव आयोग ने राज्य में भारत राष्ट्र समिति की सरकार को कुछ आधारों पर आचार संहिता के दौरान किस्त का भुगतान करने की मंजूरी दी थी। वहीं, सरकार को आचार संहिता के दौरान इसे लेकर प्रचार नहीं करने के लिए कहा गया था। निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अपनी अनुमति वापस लेने के फैसले के बारे में सूचित किया।
पीटीआई के मुताबिक, वित्त मंत्री ने किस्तों का भुगतान जारी करने के बारे में सार्वजनिक घोषणा की थी। उन्होंने कथित तौर पर कहा था, "किस्त सोमवार को दी जाएगी। किसानों का चाय-नाश्ता खत्म होने से पहले उनके खाते में राशि जमा हो जाएगी।"
एक दिन पहले मिली थी इजाजज
चुनाव आयोग ने तेलंगाना सरकार को 28 नवंबर से पहले रायथु बंधु योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करने की मंजूरी दे दी थी। आयोग ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा, "आयोग को 'रायथु बंधु' राशि के वितरण पर कोई आपत्ति नहीं है। यह निर्देश दिया जाता है कि राज्य में आदर्श आचार संहिता एवं मतदान के दिन भी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना प्रभावित नहीं होगी।" बता दें कि रायथु बंधु योजना किसानों को निवेश सहायता के रूप में वित्तीय मदद प्रदान करने से जुड़ी है।
सरकार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया था कि 25, 26 और 27 नवंबर को बैंक की छुट्टियों के कारण तथा चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 29 एवं 30 नवंबर को 'रायथु बंधु' सहायता के वितरण की अनुमति नहीं है। इसलिए धनराशि ऑनलाइन डीबीटी के तहत सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। राज्य कृषि विभाग ने कहा कि इस रबी सत्र में 'रायथु बंधु' पहल से 70 लाख किसानों को फायदा होगा।