Telangana Assembly Election 2023: चुनाव आयोग ने 30 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले सोमवार (27 नवंबर) को तेलंगाना में सत्ताधारी भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार की महत्वकांक्षी योजना 'रायथु बंधु (Rythu Bandhu)' के तहत रबी फसलों के लिए किसानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की किस्त बांटने पर रोक लगा दी। आयोग ने राज्य के वित्त मंत्री टी. हरीश राव द्वारा इसे लेकर सार्वजनिक घोषणा करने के बाद यह फैसला लिया, क्योंकि यह आचार संहिता का उल्लंघन है। चुनाव आयोग का यह आदेश KCR सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
चुनाव आयोग ने एक दिन पहले राज्य में भारत राष्ट्र समिति की सरकार को कुछ आधार पर आचार संहिता की अवधि के दौरान रबी फसलों के लिए किसानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की किस्त का भुगतान करने की मंजूरी दे दी थी। हालांकि, सरकार को आचार संहिता के दौरान इसे लेकर प्रचार नहीं करने के लिए भी कहा गया था। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा।
चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) को लिखे पत्र में कहा, ''आयोग ने पाया है कि तेलंगाना सरकार के वित्त और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी. हरीश राव ने न केवल आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है बल्कि इसका प्रचार कर उपरोक्त शर्तों को भी तोड़ा है। इसमें राज्य में चल रही चुनाव प्रक्रिया में विभिन्न दलों के लिए समान अवसर को भी बाधित किया गया है।''
निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अपने, अनुमति वापस लेने के फैसले के बारे में सूचित किया। वित्त मंत्री ने किस्तों का भुगतान जारी करने के बारे में सार्वजनिक घोषणा की थी। उन्होंने कथित तौर पर कहा था, "किस्त सोमवार को दी जाएगी। किसानों का चाय-नाश्ता खत्म होने से पहले ही उनके खाते में राशि जमा हो जाएगी।"
पत्र में कहा गया है कि आयोग यह निर्देश देता है कि 25 नवंबर 2023 की तारीख वाले पत्र में रबी फसलों के लिए किसानों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की किस्त जारी करने के लिए दी गई अनुमति तत्काल प्रभाव से वापस ली जाए। तेलंगाना में आदर्श आचार संहिता लागू रहने के दौरान योजना के तहत कोई किस्त जारी न की जाए।
क्या है 'रायथु बंधु' योजना?
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने किसानों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए मई 2018 में रायथु बंधु योजना (Rythu Bandhu scheme) की शुरुआत की थी। इसके तहत सरकार राज्य के हर किसान किसान के बैंक अकाउंट में साल में दो बार 5,000-5,000 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से पैसे ट्रांसफर करती है। किसानों को ये पैसे खरीफ और रबी की फसल के वक्त मिलती है। हाल ही में सीएम KCR की अगुवाई वाली BRS ने इस योजना के तहत राशि को बढ़ाकर 16 हजार रुपये प्रति वर्ष करने की घोषणा की है।
शुरुआत में इस योजना के अंतर्गत तेलंगाना राज्य के किसानों को हर साल 8,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। हालांकि, बाद में तेलंगाना की KCR सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया। वजीफा, बीज, उर्वरक, कीटनाशक, श्रम और अन्य निवेश सहित इनपुट खरीदने के लिए प्रत्येक मौसम में इस योजना के तहत प्रत्येक किसान को प्रति एकड़ रुपये दिए जाते हैं। इस योजना ने छोटे पैमाने के खाद्य उत्पादकों की मदद को प्राथमिकता दी है।
मुख्यमंत्री केसीआर ने रविवार को विश्वास जताया कि 30 नवंबर के विधानसभा चुनाव के बाद भारत राष्ट्र समिति राज्य की सत्ता में फिर से आएगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए 'रायथु बंधु' निवेश सहायता योजना के तहत वित्तीय सहायता मौजूदा 10,000 रुपये से धीरे-धीरे बढ़ाकर 16,000 रुपये कर दी जाएगी। उन्होंने जनता से पूछा, "आज कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि केसीआर रायथु बंधु योजना लाकर जनता का पैसा बर्बाद कर रहे हैं। क्या यह फिजूलखर्ची है?"
राव ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो 'रायथु बंधु' को बंगाल की खाड़ी में फेंक देगी। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इससे बिचौलियों का शासन वापस आ सकता है। उन्होंने वादा किया कि अगर बीआरएस सरकार दोबारा सत्ता में आई तो सभी सफेद राशन कार्ड धारकों को बढ़िया गुणवत्ता का चावल देगी, क्योंकि राज्य अब सालाना तीन करोड़ टन धान का उत्पादन कर रहा है। KCR ने कहा कि तेलंगाना एकमात्र राज्य है, जो किसानों से सिंचाई जल शुल्क नहीं लेता है और यह किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली भी प्रदान कर रहा है।