मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक के बाद एक इतनी स्कीमों का ऐलान किया था, जिससे उन्हें उम्मीद थी की राज्य की जनता उन्हें दोबारा सत्ता में लाएगी। लेकिन, गहलोत की रणनीति फेल करती दिख रही है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अशोक गहलोत के सामने इस बार बड़ी चुनौतियां थीं। एक तरह से कांग्रेस के चुनाव प्रचार का दारोमदार उनके कंधे पर था। उन्होंने पूरी कोशिश भी की। लेकिन, बेरोजगारी, गरीबी और युवाओं का आक्रोश जीत की उनकी उम्मीदों पर भारी पड़ा
अपडेटेड Dec 03, 2023 पर 09:41