Exit Poll vs Opinion Poll: देश के 5 राज्यों में विधानसभा हो चुके है। इसके नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे। जिसका लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बीच आपने एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल (Exit Poll and Opinion Poll) के बारे में जरूर सुना होगा। बहुत से लोग इन दोनों के बारे में भ्रम की स्थिति में रहते हैं। चुनाव के आखिरी चरण के बाद दर्शक एग्जिट पोल की उम्मीद करते हैं। कई कंपनियां एग्जिट पोल के जरिए कई तरह के दाव किए जाते हैं। आइये अब जानते हैं कि आखिर ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल में क्या अंतर होता है और चुनाव के दौरान इनकी क्या भूमिका होती है?
ओपिनियन पोल चुनाव से पहले कराए जाते हैं। ओपिनियन पोल में सभी लोगों को शामिल किया जाता है। भले ही वो वोटर हों या नहीं हों। वहीं, एग्जिट पोल मतदान के तुरंत बाद किया जाता है। इसमें केवल वोटर्स को ही शामिल किया जाता है।
एग्जिट पोल एक तरह का चुनावी सर्वे होता है। मतदान वाले दिन जब मतदाता वोट देकर पोलिंग बूथ से बाहर निकलते हैं। तब वहां अलग-अलग सर्वे एजेंसी और न्यूज चैनल के लोग मौजूद रहते हैं। वो मतदाता से वोटिंग को लेकर सवाल पूछते हैं। इसमें उनसे पूछा जाता है कि उन्होंने किसको वोट दिया है? इस तरह से हर विधानसभा के अलग-अलग पोलिंग बूथ से वोटर्स से सवाल पूछा जाता है। मतदान खत्म होने तक ऐसे सवाल बड़ी संख्या में आंकड़े एकत्र हो जाते हैं। इन आंकड़ों को जुटाकर और उनके उत्तर के हिसाब से अंदाजा लगाया जाता है कि पब्लिक का मूड किस ओर है? मैथमेटिकल मॉडल के आधार पर ये निकाला जाता है कि कौन सी पार्टी को कितनी सीटें मिल सकती हैं? इसका प्रसारण मतदान खत्म होने के बाद ही किया जाता है।
एजेंसियां ओपिनियन पोल चुनाव से पहले कराती हैं। इसमें सभी लोगों को शामिल किया जाता है। भले ही वो मतदाता है या नहीं। ओपिनियन पोल के नतीजे के लिए चुनावी दृष्टि से अलग-अलग क्षेत्रों के अहम मुद्दों पर जनता की नब्ज को टटोलने की कोशिश की जाती है। इसके तहत हर क्षेत्र में यह जानने का प्रयास किया जाता है कि सरकार के प्रति जनता की नाराजगी है या फिर उसके काम से संतुष्ट है।