राजस्थान के भावी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने मंगलवार शाम को जयपुर स्थित राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की। शर्मा के साथ पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, पार्टी के चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी थीं। इसके अलावा नामित उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा (Prem Chand Bairwa) एवं दीया कुमारी (Diya Kumari) भी राज्यपाल से मिले। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश किया। भजनलाल शर्मा 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक दल की यहां हुई बैठक में पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रस्ताव रखा जिसे विधायक दल ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद राजनाथ सिंह ने मीडिया को बताया कि विधायक दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा उपमुख्यमंत्री होंगे। वहीं, वासुदेव देवनानी राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष होंगे।
भजनलाल शर्मा सांगानेर से विधायक हैं। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) समर्थित 56 वर्षीय शर्मा ने जयपुर की सांगानेर सीट 48,081 वोटों के अंतर से जीती है। वह भरतपुर जिले का रहने वाले हैं। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रस्ताव रखा जिसे विधायक दल ने स्वीकार कर लिया। भजनलाल बीजेपी के प्रदेश महासचिव हैं। उनके पास राजनीति विज्ञान में पोस्टग्रेजुएट की डिग्री है।
विधायक दल की बैठक से पहले एक ग्रुप फोटो खींची गई जिसमें वह आखिरी पंक्ति में खड़े थे। सीएम की रेस में उन्होंने कई धुरंधरों को पीछे छोड़ा है। राज्य में विधानसभा की 200 में 199 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी को 115 सीटों पर जीत मिली।
बैठक में पार्टी के पर्यवेक्षक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सह-पर्यवेक्षक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडेय और राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े भी मौजूद थे। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, अश्विनी वैष्णव, बाबा बालकनाथ और दीया कुमारी राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे थे। राजस्थान उन तीन राज्यों में से एक है जहां बीजेपी ने हाल के चुनावों में जीत हासिल की है।
राज्य में 200 में से 199 सीटों के लिए हुए चुनाव के परिणाम तीन दिसंबर को घोषित किए गए। बीजेपी को 115 सीट पर जीत के साथ बहुमत मिला है। हाल के दिनों में कई बीजेपी विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री राजे से मुलाकात की थी, जिसे उनके प्रति समर्थन के तौर पर देखा जा रहा था। हालांकि, चुनाव हारने वाले राजेंद्र राठौड़ समेत पार्टी नेताओं ने पहले ही सख्त संदेश देते हुए कहा था कि बीजेपी में शक्ति प्रदर्शन की कोई परंपरा नहीं है