Mizoram Election 2023: मिजोरम के ममित जिले में क्यों नहीं लगते राजनीतिक दलों के पोस्टर, बैनर या झंडे, इसके पीछे है एक अनोखा कारण

Mizoram Election 2023: एच ममित क्षेत्र के एक बिजनेसमैन सियानजामा ने बताया सभी राजनीतिक दलों ने मिजोरम पीपुल्स फोरम (MPF) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें दो शक्तिशाली गैर सरकारी संगठन (NGO) - यंग मिजो एसोसिएशन (YMA) और मिजोरम हमीचे इंसुइखाओम पावल (MHIP) शामिल हैं - चुनाव के दौरान अभियान कैसे चलाया जाए

अपडेटेड Nov 03, 2023 पर 5:51 PM
Story continues below Advertisement
Mizoram Election 2023: मिजोरम के ममित जिले में क्यों नहीं लगते राजनीतिक दलों के पोस्टर, बैनर या झंडे

Mizoram Election 2023: मिजोरम विधानसभा चुनाव (Mizoram Assembly Election) के लिए केवल चार दिन बचे हैं। जहां पूरे राज्य में चुनावी माहौल बना हुआ है, तो वहीं एक जिला ऐसा भी है, जहां देखने से ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है कि राज्य में चुनाव हैं। ममित (Mamit) जिले की सड़कें अभी तक राजनीतिक दलों के उत्सवों, पोस्टरों, बैनरों या राजनीतिक नेताओं के कटआउट से नहीं सजी हैं। जिले में केवल मिजो नेशनल फ्रंट, कांग्रेस, जोरम पीपुल्स मूवमेंट और बीजेपी के कुछ छोटे झंडे लहरा रहे हैं। इस जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र हैं - हाचेक, ममित और डम्पा।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, एच ममित क्षेत्र के एक बिजनेसमैन सियानजामा ने बताया सभी राजनीतिक दलों ने मिजोरम पीपुल्स फोरम (MPF) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें दो शक्तिशाली गैर सरकारी संगठन (NGO) - यंग मिजो एसोसिएशन (YMA) और मिजोरम हमीचे इंसुइखाओम पावल (MHIP) शामिल हैं - चुनाव के दौरान अभियान कैसे चलाया जाए।

मतदाताओं और उम्मीदवारों के बीच होता है सवाल-जवाब


उन्होंने कहा, "फोरम तय करता है कि अभियान के लिए एक संयुक्त मंच कब होगा। ऐसे आयोजन के दौरान, राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों से अनुरोध किया जाता है कि वे मौजूद रहें और मतदाताओं को अपना भाषण दें। इसके बाद सवाल-जवाब सेशन शुरू होता है। इससे यहां राजनीतिक दलों की तरफ से प्रचार में संतुलन बना रहता है।"

40 सदस्यों वाली मिजोरम विधानसभा के लिए चुनाव 7 नवंबर को होंगे।

सियानजामा ने कहा, "सभी राजनीतिक हितधारकों ने चुनाव के दौरान अभियान कैसे चलाया जाए, इस पर मिजोरम पीपुल्स फोरम (MPF) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।"

मिजोरम पीपुल्स फोरम के स्थानीय पैनल की अनुमति के बिना कोई भी पार्टी घर-घर जाकर अभियान नहीं चला सकती। ये पूर्वोत्तर राज्य में चुनाव अभियान की खासियत है।

बीजेपी ममित जिला अध्यक्ष न्गुर्साइलोवा ने भी ममित जिले में इस प्रथा को स्वीकार किया।

हाचेक निर्वाचन क्षेत्र के लिए कांग्रेस उम्मीदवार, लालरिंदिका राल्ते ने कहा कि सभी हितधारकों के लिए चुनाव प्रचार को बराबर मौका देने के लिए, कई सालों से ऐसा किया जा रहा है।

Mizoram Elections 2023: मिजोरम की सत्ता में इन 4 सीट्स का है अहम रोल, चुनावी पार्टियों का कहलाती हैं गढ़

उन्होंने कहा, "हम मिजोरम पीपुल्स फोरम के मार्गदर्शन में इस तरह के कार्यक्रम का स्वागत करते हैं, क्योंकि ये सभी राजनीतिक दलों को संयमित तरीके से प्रचार करने का मौका देता है।"

त्रिपुरा के बीजेपी विधायक प्रोमोध रियांग ने भी इस प्रथा का स्वागत किया। रियांग ममित और हाचेक विधानसभा क्षेत्रों के लिए पार्टी प्रत्याशियों के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "... यहां तक ​​कि MPF के अध्यक्ष की मौजूदगी के बिना घर-घर अभियान की भी अनुमति नहीं है, लेकिन ये राजनीतिक दलों को अपने कार्यक्रमों के साथ मतदाताओं तक पहुंचने से नहीं रोकता है। चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों को मतदाताओं तक पहुंचने के लिए बराबर मौके मिलते हैं।"

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Nov 03, 2023 4:48 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।