Swachh Survekshan Awards 2024: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore Cleanest City Award) और गुजरात के सूरत (Surat) को देश में 'सबसे स्वच्छ शहर' चुना गया है। जबकि नवी मुंबई ने सर्वेक्षण में अपना तीसरा स्थान बरकरार रखा है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार सातवीं बार अव्वल रहा है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर को इस बार नंबर-1 का खिताब गुजरात के प्रमुख कमर्शियल टाउन सूरत के साथ शेयर करना पड़ा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के लगातार 7वीं बार अव्वल रहने पर खुशी जताते हुए गुरुवार को कहा कि यह उपलब्धि साबित करती है कि साफ-सफाई की आदत शहरवासियों की सोच में शामिल हो गई है।
'वेस्ट टू वेल्थ' की थीम पर केंद्रित 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अलग-अलग कैटेगरी में देश के 4,400 से ज्यादा शहरों के बीच कड़ी टक्कर थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में दिल्ली में आयोजित समारोह में इंदौर को सूरत के साथ देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। मुख्यमंत्री यादव ने इस समारोह में राष्ट्रपति के हाथों इंदौर का पुरस्कार प्राप्त किया। इस मौके पर राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, इंदौर नगर निगम की आयुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद थीं।
कैसे होती है शहर की सफाई?
अधिकारियों ने बताया कि शहर में औसत आधार पर हर दिन 692 टन गीला कचरा, 683 टन सूखा कचरा और 179 टन प्लास्टिक अलग-अलग कैटेगरी में इकट्ठा किया जाता है। इसके लिए शहर भर में करीब 850 गाड़ियां चलती हैं जिनमें डायपर और सैनिटरी नैपकिन के लिए स्पेशल कम्पार्टमेंट बनाए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि शहर के देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 15 एकड़ पर PPP मॉडल के आधार पर एक कंपनी द्वारा चलाया जा रहा 'गोबर-धन' प्लांट हर दिन 550 टन गीले कचरे (फल-सब्जियों और कच्चे मांस का अपशिष्ट, बचा या बासी भोजन, पेड़-पौधों की हरी पत्तियों, ताजा फूलों का कचरा आदि) से हर दिन 17,000 से 18,000 किलोग्राम बायो-CNG और 100 टन जैविक खाद बना सकता है।
उन्होंने बताया कि इस प्लांट में बनी बायो-सीएनजी से 110 सिटी बसें चलाई जा रही हैं जो निजी कंपनी द्वारा शहरी निकाय को सामान्य सीएनजी की प्रचलित बाजार दर से पांच रुपये प्रति किलोग्राम कम दाम पर बेची जाती है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बयान में कहा, "इंदौरवासियों ने पुनः सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता न सिर्फ उनकी आदत बन चुकी है, बल्कि यह आदत उनकी सोच में भी शामिल हो गई है।" यादव ने शहर में साफ-सफाई के काम में लगे कर्मियों को भी बधाई दी। साथ ही उनसे अपील की कि स्वच्छता के लिए उनका जुनून कभी कम न हो। वहीं, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के लगातार सातवीं बार अव्वल रहने की उपलब्धि को भगवान राम को अर्पित करते हैं। महापौर ने कहा, "इंदौर स्वच्छता के मामले में अब केवल भारत ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व में आदर्श बन गया है।"
इस बीच, इंदौर नगर निगम परिसर में सफाईकर्मियों ने ढोल की थाप पर डांस करके स्वच्छता के क्षेत्र में शहर की कामयाबी का जश्न मनाया। वे इस मौके पर एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार करते भी देखे गए। राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार सातवीं बार कामयाबी के लक्ष्य के तहत शहरी निकाय ने 'इंदौर छुएगा स्वच्छता का सातवां आसमान' का नारा दिया था। इस नारे पर आधारित गीत शहर के घर-घर से कचरा इकट्ठा करने वाली गाड़ियों में बजाया जाता था।