Madhya Pradesh Election Scandal: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में डाक मतपत्र से कथित छेड़छाड़ मामले में चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। बालाघाट में डाक मत पत्रों की पेटी खोले जाने के मामले में SDM गोपाल कुमार सोनी पर भी गाज गिर गई है। उन्हें निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को प्रभार सौंपा गया है। इससे पहले मंगलवार को नोडल अधिकारी हिम्मत सिंह (तहसीलदार) को निलंबित कर दिया गया था। चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई कांग्रेस की शिकायत पर की है। मध्य प्रदेश में मतदान समाप्त हो चुका है। 3 दिसंबर को अब मतगणना होगी।
दरअसल, बालाघाट की विधानसभा सीटों के डाक मत पत्रों की पेटी को 27 नवंबर को खोला गया था, जिस पर कांग्रेस की ओर से सख्त ऐतराज जताया गया। इस पूरे घटनाक्रम का सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुआ। इसके बाद कांग्रेस की ओर से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से लेकर चुनाव आयुक्त तक शिकायतें की गई। कांग्रेस की ओर से की गई शिकायतों के चलते जहां पहले नोडल अधिकारी व तहसीलदार हिम्मत सिंह भंवेरी को निलंबित किया गया। वहीं अब अनुविभागीय अधिकारी सोनी को निलंबित कर दिया गया है।
जिलाधिकारी गिरीश कुमार शर्मा की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि संभाग आयुक्त जबलपुर ने रिटर्निंग अधिकारी सोनी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। वहीं, उनकी जिम्मेदारी डिप्टी कलेक्टर राहुल नायक को सौंपी गई है। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री सैयद जाफर ने कहा कि कलेक्टर को बचाने के लिए अब SDM को सस्पेंड किया गया है।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर की साजिश को दबाने के लिए छोटी मछलियां निशाने पर हैं। जाफर ने कहा कि तहसीलदार के एक्शन के बाद अब एसडीएम भी सस्पेंड किए गए हैं। क्या कलेक्टर की गलती पर पर्दा डालने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि नोडल अफसर एसडीएम के बाद अब कलेक्टर की भी बारी आएगी।
कांग्रेस ने दर्ज कराई थी शिकायत
दिल्ली में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, सलमान खुर्शीद और गुरदीप सिंह सप्पल ने चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपकर मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की थी। मामले पर बात करते हुए सिंघवी ने कहा था, ''हमने बालाघाट मामले से जुड़ा वीडियो भी चुनाव आयोग को दिया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि रक्षक बनने वाले चुनाव अधिकारी ही भक्षक बनते जा रहे हैं। वे पोस्टल बैलेट से छेड़छाड़ कर रहे हैं। यह बहुत ही गंभीर मामला है। हम आशा और विश्वास व्यक्त करते हैं कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख कमलनाथ ने भी एक बयान जारी किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर 28 नवंबर को जारी एक विस्तृत पोस्ट में पूर्व सीएम ने लिखा, "पारदर्शिता और कर्तव्यनिष्ठा लोकतंत्र के बुनियादी उसूल हैं। कल बालाघाट में डाक मतपत्रों को जिस तरह से खोला गया। वह गंभीर कदाचरण है। उसके बाद सरकारी मशीनरी और जिम्मेदार अधिकारियों ने जिस तरह से इस कृत्य को सही साबित करने की कोशिश की, वह और भी अक्षम्य अपराध है।"
उन्होंने आगे लिखा, "मैं चुनाव प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारियों को याद दिलाना चाहता हूं कि इस समय वह निर्वाचन आयोग के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं, जो मध्य प्रदेश सरकार से अलग एक स्वायत्त संस्था है। वे इस समय किसी पार्टी या मंत्री के मातहत काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए सभी अधिकारी कर्मचारियों से निवेदन है कि वह किसी भी असंवैधानिक या गैरकानूनी आदेश का पालन न करें और सिर्फ वही कार्य करें जो करना उनका प्रशासनिक दायित्व है।"
पूर्व सीएम ने आगे, "एक-एक अधिकारी और कर्मचारी की कार्यप्रणाली की रिपोर्ट जनता के पास है। मैं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से भी आग्रह करता हूं कि वह अपने संवैधानिक अधिकारों के लिए कड़े से कड़े संघर्ष के लिए तैयार रहें। 3 दिसंबर को मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार पर जनता की मोहर लग जाएगी। इसलिए वे निर्द्वंद्व होकर अपने कार्य में जुट जाएं। सत्यमेव जयते।"