MP Election Results 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को प्रचंड बहुमत मिला है। चुनाव आयोग के अनुसार, राज्य की 230 विधानसभा सीट में से बीजेपी के 163 उम्मीदवार जीत चुके हैं, जबकि कांग्रेस ने 66 सीट पर जीत दर्ज की है। एमपी ने बीजेपी ने चुनाव से पहले कई दांव लगाए थे। चुनाव प्रचार अभियान के शुरू होने के बाद वोट पड़ने से लगभग 50 दिन पहले 79 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने का बीजेपी का कदम मध्य प्रदेश में उसकी बड़ी जीत की व्याख्या करने वाला लौकिक 'मास्टरस्ट्रोक' साबित हुआ।
बीजपी ने इन 79 सीटों में से 49 सीटों पर जीत हासिल की है, जबकि 2018 में उसने इनमें से केवल तीन सीटें जीती थीं और बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई थी। इन्हीं 79 सीटों पर बीजेपी ने अपने 7 वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारा था, जिनमें केंद्रीय मंत्री, सांसद और एक राष्ट्रीय महासचिव शामिल थे। उनमें से पांच ने अपनी सीटें जीत ली हैं, जिससे बीजेपी की संख्या बढ़ गई है।
बीजेपी के एक शीर्ष नेता ने News18 को बताया, "बीजेपी ने आदर्श आचार संहिता की घोषणा से पहले ही 79 उम्मीदवारों की घोषणा करके एक बड़ा रणनीतिक निर्णय लिया। मध्य प्रदेश में ये हमारे लिए बेहद कठिन सीटें थीं क्योंकि 2018 के चुनावों में हमने इनमें से केवल तीन सीटें जीती थीं। पार्टी ने एमपी जीतने के लिए इन 79 सीटों पर जल्दी तैयारी शुरू करने का फैसला किया।"
इस फैसले ने पार्टी को 2018 में जीती गई 109 सीटों से रविवार को जीती गई लगभग 163 सीटों पर पहुंचा दिया है। BJP ने 2018 में तीन सीटें जीतने वाले उम्मीदवारों को भी बदल दिया। एक नेता ने कहा, "एक साफ शुरुआत की गई थी। जालम सिंह ने नरसिंहपुर से जीत हासिल की थी लेकिन उनके भाई और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को अब इस सीट से खड़ा कर दिया गया है।''
नतीजा यह हुआ कि इन 79 सीटों पर कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं को अपनी जागीर से हाथ धोना पड़ा है। कांग्रेस की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी इंदौर के पास राऊ की अपनी मौजूदा सीट से हार गए, जबकि कमलनाथ सरकार में पूर्व वित्त मंत्री और उनके करीबी सहयोगी तरूण भनोट जबलपुर (पश्चिम) सीट से बीजेपी सांसद राकेश सिंह से हार गए।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर-1 से कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय शुक्ला को हराया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिमनी से जीत हासिल की है, यह सीट बीजेपी 2018 में हार गई थी। मंत्री प्रह्लाद पटेल ने नरसिंहपुर को बीजेपी के लिए बरकरार रखा है, जबकि बीजेपी सांसद रीति पाठक ने सीधी सीट बरकरार रखी है।
79 सीटों में से कुछ पर बीजेपी ने बहुत ही सहज अंतर से जीत हासिल की है, जिससे पता चलता है कि इन सीटों पर शुरुआती तैयारियों से कितनी मदद मिली। ऐसा लगता है कि बीजेपी सांसदों को लड़ाई में उतारने से भी मदद मिली है, क्योंकि ऐसा लगता है कि उन्होंने BJP की सीटें बढ़ाने के लिए अपने संसदीय क्षेत्रों में आने वाली अन्य सीटों पर अपना प्रभाव डाला है।
बीजेपी नेताओं ने कहा कि 79 उम्मीदवारों को जल्दी मैदान में उतारने के फैसले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्य प्रभारी भूपेन्द्र यादव और राज्य सह-प्रभारी अश्विनी वैष्णव का आशीर्वाद था। इस निर्णय की सफलता को अब बीजेपी आगामी लोकसभा चुनावों में भी दोहरा सकती है। भगवा पार्टी फरवरी की शुरुआत में कुछ उम्मीदवारों की घोषणा करने की योजना बना रही है।