MP Election 2023: मध्य प्रदेश में नरेंद्र सिंह तोमर की वापसी, शिवराज सिंह चौहान को अब भी टिकट का इंतजार, क्या हैं इसके मायने
MP Election 2023: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सीट का फैसला होना अभी बाकी है। तोमर पिछले 15 सालों से राज्य की राजनीति से बाहर हैं और आखिरी बार 2008 तक ग्वालियर से विधायक रहे। वह वर्तमान में मुरैना से सांसद हैं। तोमर ग्वालियर-चंबल रीजन से आते हैं, जहां 2018 के चुनावों में बीजेपी 34 में से सिर्फ आठ सीटें जीत सकी थी और उसे बदलाव की उम्मीद है
MP Election 2023: मध्य प्रदेश में नरेंद्र सिंह तोमर की वापसी, शिवराज सिंह चौहान को अब भी टिकट का इंतजार
MP Election 2023: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को चुनावी मैदान में उतारने के भारतीय जनता पार्टी (BJP) के फैसले ने राजनीतिक गलियारे में कई तरह की अटकलें तेज कर दी हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सीट का फैसला होना अभी बाकी है। तोमर पिछले 15 सालों से राज्य की राजनीति से बाहर हैं और आखिरी बार 2008 तक ग्वालियर से विधायक रहे। वह वर्तमान में मुरैना से सांसद हैं।
'स्वीकार्य चेहरा हैं नरेंद्र सिंह तोमर'
नरेंद्र सिंह तोमर को राज्य में बीजेपी के पुराने नेताओं के बीच एक 'स्वीकार्य चेहरा' माना जाता है और वो भी ऐसे समय में, जब राज्य इकाई बंटी हुई नजर आ रही है। कुछ महीने पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने आगामी राज्य चुनावों के लिए तोमर को कैंपेन कमेटी की जिम्मेदारी सौंपी थी।
तोमर ग्वालियर-चंबल रीजन से आते हैं, जहां 2018 के चुनावों में बीजेपी 34 में से सिर्फ आठ सीटें जीत सकी थी और उसे बदलाव की उम्मीद है।
सत्तारूढ़ दल ने अभी तक चौहान की उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है। पार्टी की पहली लिस्ट में आमतौर पर सीएम का नाम होता है, लेकिन कुल 78 उम्मीदवारों की पहली दो लिस्ट में चौहान का नाम नहीं है। वह 2006 से बुधनी से विधायक हैं।
News18 ने राज्य के एक बीजेपी नेता के हवाले से बताया, “बुधनी सीट की घोषणा अभी बाकी है। सीएम वहीं से लड़ेंगे। घोषणा में देरी को लेकर को ज्यादा चिंता करने वाली बात नहीं है।"
बीजेपी के एक सूत्र ने ये भी कहा कि पार्टी की पहली दो लिस्ट में उन सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है, जहां बीजेपी पिछले चुनाव में हार गई थी। इसलिए यहां उम्मीदवारों को प्रचार के लिए ज्यादा समय देने के लिए जल्दी नामों की घोषणा की गई।
कुल मिलाकर, तीन केंद्रीय मंत्री और सात सांसद दूसरी लिस्ट में शामिल हैं, जिनमें से कई खुद को सीएम दावेदार के रूप में भी देखते हैं।
'PM मोदी ने नहीं लिया शिवराज चौहान का नाम'
हालांकि, कांग्रेस चुटकी लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भोपाल में अपने पूरे भाषण में चौहान का नाम नहीं लिया।
सुरजेवाला ने कहा, "पीएम ने पिछले 18 सालों में शिवराज सिंह चौहान सरकार की एक भी योजना का नाम नहीं लिया...उन्होंने सीएम का नाम भी नहीं लिया।"
चौहान लगातार हर मंच से अपनी सिग्नेचर मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के बारे में बोल रहे हैं। इसके तहत राज्य सरकार 1.3 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को प्रति माह 1,250 रुपए दे रही है। प्रदेश बीजेपी ने इस योजना को चुनाव में 'गेम चेंजर' करार दिया है।
हैरानी की बात ये है कि पीएम ने राज्य में अब तक के अपने संबोधन में एक बार भी इस योजना का कहीं जिक्र नहीं किया है। कांग्रेस पूछ रही है कि क्या ये योजना दूसरे राज्यों में अपनाई जा रही बीजेपी की "मुफ्त योजना" की नीति के खिलाफ नहीं है।
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी CM पद की उम्मीदवारी के लिए शिवराज सिंह चौहान का नाम नहीं लिया है।
अगस्त में जब उनसे पूछा गया कि अगला सीएम कौन होगा? तो शाह ने कहा, “आप इसमें क्यों पड़ रहे हैं कि पार्टी का काम क्या है? यह हमारी पार्टी का काम है, हम तय करेंगे।”
सिर्फ 15 महीने के अंतराल को छोड़ दिया, जाए तो चौहान 2006 से पिछले 17 सालों से मुख्यमंत्री हैं। इन 15 महीनों में राज्य की कमान कमल नाथ के हाथ में रही, जब वह 2018 में मुख्यमंत्री बने।