MP Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने कई दिग्गजों पर दांव लगाया है। पार्टी के 39 उम्मीदवारों वाली दूसरी लिस्ट के बाद से सियासी गलियारों में एक तूफान खड़ा हो गया है। चोटी के जिन नेताओं को पार्टी ने टिकट दिया है, उनमें एक नाम कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) का भी है। हालांकि, उन्होंने एक जनसभा में ऐसी बात कह दी है, जो पार्टी के लिए मुश्किल भी खड़ी कर सकती है। साथ ही उनके इस बयान के कई मायने भी हो सकते हैं।
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि वह विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिलने से खुश नहीं हैं। इंदौर में गणेश पंडाल में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "पार्टी ने मुझे टिकट दे दिया, लेकिन सच बताऊं तो मैं अंदर खुश नहीं हूं। चुनाव लड़ने की मेरी एक प्रतिशत भी इच्छा नहीं है।"
उन्होंने कहा, "एक माइंडसेट होता है ना लड़ने का, हमने तो सोचा था कि अपने को तो जाना है, भाषण देना है। अब बड़े नेता हो गए, हाथ जोड़ने का कहा जाएंगे..तो भाषण देना और निकल जाना..ये सोचा था हमने तो.."
उन्होंने आगे कहा, "हमने चुनाव में हर दिन आठ सभाएं करने की योजना बनाई थी, जिसमें हेलीकॉप्टर से पांच, कार से तीन सभा करते। लेकिन जैसा आप सोचते हैं वैसा हमेशा नहीं होता है, इसलिए ये भगवान की इच्छा थी कि मैं चुनाव लड़ूं और फिर से जनता के बीच जाऊं...''
विजयवर्गीय ने एक बार फिर दोहराया कि उन्हें अब भी विश्वास नहीं हो रही है कि वे चुनाव के लिए उम्मीदवार बने हैं। ये कोई पहला मौका नहीं है, जब उन्होंने इस तरह की बात कही।
इस दौरान जनता के बीच में से किसी ने उनसे कहा, अब सीएम भी बन जाओगे... हालांकि, इस पर कैलाश विजयवर्गीय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और मुस्कुरा कर बोले- ठीक है वो तो...
इससे पहले उन्होंने कहा था कि उन्हें हैरानी हो रही है कि पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है। विजयवर्गीय ने न्यूज एजेंसी से कहा, "हालांकि मैंने कहा था कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने परसों ही मुझे कुछ निर्देश दे दिए थे।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं असमंजस में था और घोषणा होने के बाद मैं आश्चर्यचकित रह गया। मेरा सौभाग्य है कि मुझे चुनावी राजनीति में भाग लेने का अवसर मिला। मैं पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा।"
'बेटे का राजनीतिक अहित न हो'
कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के कई मायने हो सकते हैं, लेकिन फिलहाल जो सबसे बड़ा कारण दिख रहा है, वो है उनके बेट आकाश का रजनीतिक भविष्य।
विजयवर्गीय को मैदान में उतारने के फैसले से उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय को फिर से पार्टी का टिकट दिए जाने की संभावना कम हो गई है। क्योंकि बीजेपी आम तौर पर चुनाव में एक ही परिवार के सदस्यों को अपना उम्मीदवार बनाने से बचती है। आकाश ने 2018 में इंदौर-3 सीट से चुनाव जीता था।
ये बात खुद कैलाश विजयवर्गीय ने भी मानी है। उन्होंने कहा था, "एक पिता के नाते मेरे मन में था कि बेटे का राजनीतिक अहित न हो। आकाश ने शहर में काफी मेहनत की है।"