Madhya Pradesh assembly elections results 2023: बीजेपी की प्रचंड जीत में महिलाओं के लिए 20000 करोड़ की स्कीम्स रहीं ट्रंप कार्ड

सच है कि बीजेपी की इस जीत में राज्य की महिलाओं की भूमिका को दरकिनार नहीं किया जा सकता है, जिनके लिए बीजेपी 'लाडली लक्ष्मी' और 'लाडली बहना' स्कीम्स लेकर आई थी। निश्चित रूप से, लड़कियों को शिक्षित करना और महिलाओं के लिए वित्तीय सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। शायद ऐसी योजनाएं महिला श्रम बल भागीदारी दर को बढ़ाने की चाबी हैं। लेकिन राज्य की वित्तीय स्थिति चिंता का विषय है

अपडेटेड Dec 03, 2023 पर 6:43 PM
Story continues below Advertisement
मध्य प्रदेश के 2023-24 के बजट के अनुसार, सरकार ने लाडली बहना योजना के लिए 8,000 करोड़ रुपये और लाडली लक्ष्मी योजना के लिए 929 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

Madhya Pradesh assembly elections results 2023: चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना जारी है। अभी तक सामने आए नतीजों और रुझानों से तस्वीर काफी हद तक साफ हो चली है। तेलंगाना में कांग्रेस जीत के रथ पर सवार नजर आ रही है तो वहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी आगे है। मध्य प्रदेश में तो बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ फिर से सत्ता में आती दिख रही है। राज्य की 230 में से 169 सीटों पर बीजेपी आगे है, तो वहीं 60 सीटों पर कांग्रेस। बहुजन समाज पार्टी का खाता खुलता नहीं दिख रहा है और अन्य के हिस्से में 1 सीट गई है। इस जीत के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। शिवराज ने मध्य प्रदेश में बीजेपी की इस शानदार जीत का श्रेय, राज्य के लोगों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 'डबल इंजन वाली सरकार' में अटूट विश्वास को दिया। साथ ही वह राज्य की महिलाओं यानी 'लाडली बहनों' का आभार व्यक्त करना नहीं भूले।

सच है कि बीजेपी की इस जीत में राज्य की महिलाओं की भूमिका को दरकिनार नहीं किया जा सकता है, जिनके लिए बीजेपी 'लाडली लक्ष्मी' और 'लाडली बहना' स्कीम्स लेकर आई थी। मार्च 2023 में चौहान ने लाडली बहना योजना शुरू की, जिसके तहत 23 वर्ष से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये मिलेंगे। इसके बाद जून में जब इस योजना के तहत पहली बार भुगतान किया गया, तो चौहान ने घोषणा की कि न केवल आयु सीमा को घटाकर 21 वर्ष कर दिया जाएगा, बल्कि अगले वर्ष से मासिक राशि भी बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति माह कर दी जाएगी। उसके बाद रही लाडली लक्ष्मी योजना, जिसके तहत 21 वर्ष की आयु तक की महिलाओं के लिए वित्तीय मदद 40 प्रतिशत बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है। लेकिन अब सवाल यह है कि इस सब पर कितना खर्च आएगा?

Election Results 2023 LIVE: छत्तीसगढ़ में बड़ा उलट फेर, डिप्टी CM टीएस सिंह देव अंबिकापुर से हारे


स्कीम्स की लागत

मध्य प्रदेश के 2023-24 के बजट के अनुसार, सरकार ने लाडली बहना योजना के लिए 8,000 करोड़ रुपये और लाडली लक्ष्मी योजना के लिए 929 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। जाहिर है, अगले साल ये आंकड़े काफी बढ़ जाएंगे। इन दोनों स्कीम्स की लागत की बात करें तो मोटे अनुमान के अनुसार, इन स्कीम्स के लिए संयुक्त सालाना अलोकेशन बढ़कर 20,500 करोड़ रुपये से थोड़ा कम रहेगा। 2024-25 में यह बोझ और बढ़ेगा क्योंकि लाडली बहना योजना के तहत मासिक भुगतान धीरे-धीरे बढ़कर 3,000 रुपये हो जाएगा। लेकिन चुनाव से पहले के ऐसे कई और वादे हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए बीजेपी को राज्य के खजाने को तैयार करना होगा। इन वादों में 450 रुपये में एलपीजी सिलेंडर, "केजी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा", पहली से लेकर 12वीं तक की कक्षा के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल बैग, यूनिफॉर्म और किताबों की खरीद के लिए 1,200 रुपये की वार्षिक वित्तीय मदद शामिल है। क्या राज्य का खजाना इन दबावों को झेल सकता है?

कहां जा रहा वित्तीय घाटा

2023-24 के बजट के अनुसार, राज्य को उम्मीद है कि इस वर्ष उसका वित्तीय घाटा उसके सकल घरेलू उत्पाद का 4.0 प्रतिशत रहेगा। यह मोटे तौर पर पटरी पर है। अप्रैल-अक्टूबर के लिए वित्तीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 54.2 प्रतिशत रहा। हालांकि अगर यह लक्ष्य पूरा भी हो जाता है, तो भी यह 3.5 प्रतिशत की ऊपरी सीमा से अधिक होगा। अब अगर दोनों स्कीम्स का 20,000 करोड़ रुपये का खर्च भी जोड़ लें तो स्थिति और भी नाजुक दिखती है। शुरुआत से ही मध्य प्रदेश की राजकोषीय स्थिति मजबूत नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने राज्य को सबसे अधिक कर्ज के बोझ तले दबे 10 राज्यों में शमिल किया है। इसके अलावा, यह उन राज्यों में से एक है, जिनका टैक्स रेवेन्यू पिछले कुछ समय से घट रहा है, जिससे वे वित्तीय रूप से अधिक कमजोर हो गए हैं। ​

MP Election result 2023: इंदौर के राऊ क्षेत्र में नहीं चला जीतू पटवारी का दांव, जानिए हॉट सीट का हाल

निश्चित रूप से, लड़कियों को शिक्षित करना और महिलाओं के लिए वित्तीय सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। शायद ऐसी योजनाएं महिला श्रम बल भागीदारी दर को बढ़ाने की चाबी हैं। लेकिन राज्य की वित्तीय स्थिति चिंता का विषय है। अब उम्मीद यही है कि राज्य की वित्तीय स्थिति, इस भागीदारी के बढ़ने से पहले नहीं डूबेगी।

Moneycontrol News

Moneycontrol News

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।