सीक्रेसी और सरप्राइज: PM मोदी के नेतृत्व वाली नई BJP कैसे चुनती है CM? सिर्फ इन तीन लोगों को होती है खबर

तीन राज्यों में बीजेपी की बड़ी जीत के चार दिन बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर सस्पेंस बरकरार है। पत्रकारों और मीडिया ने तीन राज्यों में लगभग 20 संभावित मुख्यमंत्रियों की अनुमानित लिस्ट जारी की है। लेकिन फिर भी सटीक तरीके से ये अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि बीजेपी आखिर में किसे चुनेगी। क्यों इसका एक बहुत बड़ा इतिहास है

अपडेटेड Dec 08, 2023 पर 3:06 PM
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सीक्रेसी और सरप्राइज: PM मोदी के नेतृ्त्व वाली नई BJP कैसे चुनती है CM? सिर्फ इन तीन लोगों को होती है खबर

जब भी कभी मुख्यमंत्री चुनने की बात आती है, तो नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृ्त्व वाली 'नई BJP' इन आदर्श वाक्यों पर चलती है- 'सीक्रेसी और सरप्राइज'। इस प्रक्रिया के दौरान मुख्यमंत्री पद के संभावित लोग चुप्पी साध लेते हैं, ताकि वे अपने समीकरण न बिगाड़ बैठें। कोई पैरवी या ताकत का प्रदर्शन या दबाव काम नहीं करता है। 'सही निर्णय' लेने को इस बात से प्राथमिकता दी जाती है कि किसी एक को पद पर बैठाने में कितना समय लगता है। इसके अलावा, BJP में केवल टॉप तीन - नरेंद्र मोदी, अमित शाह (Amit Shah) और जेपी नड्डा (JP Nadda) - ही जानते हैं कि अंतिम पसंद कौन होगा।

तीन राज्यों में बीजेपी की बड़ी जीत के चार दिन बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर सस्पेंस बरकरार है। पत्रकारों और मीडिया ने तीन राज्यों में लगभग 20 संभावित मुख्यमंत्रियों की अनुमानित लिस्ट जारी की है। लेकिन फिर भी सटीक तरीके से ये अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि बीजेपी आखिर में किसे चुनेगी। क्यों इसका एक बहुत बड़ा इतिहास है।

योगी से लेकर पटेल तक, सब रह गए हैरान!


योगी आदित्यनाथ ने सोचा था कि 2017 में उत्तर प्रदेश में व्यस्त चुनाव अभियान के बाद उन्हें एक बहुत जरूरी ब्रेक मिलेगा, क्योंकि उन्हें संसद समिति के दौरे के लिए विदेश जाना था। चुनावों में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में उनका नाम कहीं भी नहीं था और चुनावी पोस्टरों पर भी उनकी तस्वीर नहीं थी।

लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर विदेश मंत्रालय ने उन्हें विदेश जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया और कुछ दिनों बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें दिल्ली बुलाया और कहा कि वह सीएम होंगे।

योगी आदित्यनाथ हैरान थे, क्योंकि उन्हें दिल्ली में कपड़े बदलने तक का वक्त नहीं दिया गया और सीधे लखनऊ रवाना होना पड़ा, जहां उन्हें सीएम घोषित कर दिया गया। हर कोई स्तब्ध रह गया!

2021 में, भूपेंद्र पटेल अहमदाबाद में अपने विधानसभा क्षेत्र में एक छोटी सी बैठक कर रहे थे और सड़क पर पौधे लगा रहे थे, जब उन्हें BJP कार्यालय पहुंचने के लिए फोन आया, जहां सभी विधायकों को बुलाया गया था।

विजय रूपाणी की जगह पर गुजरात के सीएम के रूप में उनके नाम की घोषणा होने से पहले, उन्होंने बैठक में आखिरी लाइन में सीट ली थी। कुछ लोगों को पटेल के बारे में ज्यादा जानने के लिए उनका नाम गूगल पर सर्च तक करना पड़ा, क्योंकि तब तक मीडिया में सभी प्रमुख नामों की अटकलें लगाई जा चुकी थीं।

इस बार कैसे होगा फैसला?

राजस्थान में दो बार की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी ताकत दिखाते हुए कहा कि कैसे 40 से ज्यादा विधायक जयपुर में उनके आवास पर आए और उनमें से कुछ ने बयान जारी किया कि उन्हें सीएम बनाया जाना चाहिए।

कुछ दूसरी रिपोर्टें सामने आईं कि राजे के आदेश पर कुछ विधायक राजस्थान के एक फार्महाउस में थे। वह अभी दिल्ली में हैं और उन्होंने BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा से एक घंटे से ज्यादा समय तक मुलाकात की। जो लोग BJP को कवर करते हैं, वे जानते हैं कि मोदी के नेतृत्व वाली 'नए जमाने' की BJP में दबाव की ऐसी रणनीति काम नहीं करती है।

सवाल ये उठता है कि क्या ये मुलाकात पार्टी अनुशासन का उल्लंघन करने के बजाय राजे को अपनी बात मनवाने और पार्टी के फैसले को स्वीकार करने के बारे में थी?

जबकि मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान ने सतर्क रुख अपनाया है, यहां तक ​​​​कि उन्होंने तो ये भी कहा है कि वह सीएम बनने की किसी भी दौड़ में नहीं हैं और न ही वे दिल्ली जा रहे हैं।

इसके बजाय, वह गुरुवार को छिंदवाड़ा गए और शुक्रवार को राघोपुर में होंगे। ये वो इलाके हैं, जहां BJP हाल के विधानसभा चुनावों में सीटें हार गई थी।

बाबा बालकनाथ से लेकर दीया कुमारी और राज्यवर्धन राठौड़ तक - मीडिया में जिन संभावित सीएम के बारे में चर्चा की जा रही है, वे पिछले कुछ दिनों में चुप हो गए हैं और संसद सत्र के दौरान भी मीडिया से दूर ही रहे।

मध्य प्रदेश में प्रह्लाद पटेल और नरेंद्र सिंह तोमर ने भी चुप्पी साध ली है। एक वरिष्ठ BJP नेता के शब्दों में कहें, तो जब वह टीवी पर संभावितों के चेहरे देखने के बाद कुछ नेताओं को फोन करते हैं, तो वे तुरंत कह देते हैं कि उन्होंने मीडिया में अपना नाम नहीं उछाला है।

सवाल है कि फिर निर्णय लेने में इतना समय क्यों लग रहा है? अब तो कांग्रेस भी यही पूछ रही है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, "सही निर्णय लेना महत्वपूर्ण है, कितना समय लिया गया ये जरूरी नहीं है।"

इसकी घोषणा होने तक अटकलें जारी रहेंगी- महिला मुख्यमंत्री, ओबीसी या दलित चेहरे या अनुभवी हाथ? कोई कितने अनुमान और अटकलें लगा ले, लेकिन सच्चाई तो केवल तीन आदमी ही जानते हैं।

MoneyControl News

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First Published: Dec 08, 2023 2:55 PM

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