Assembly Elections 2023: विधानसभा चुनावों में नहीं चल पाया पुरानी पेंशन स्कीम का दांव

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वोटरों को लुभाने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम का दांव चला था। हालांकि, पार्टी को इन तीनों राज्यों में हार का सामना करना पड़ा, जबकि तेलंगाना में बिना इस वादे के वह चुनाव जीत गई। कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती के मुताबिक, तीनों राज्यों में पार्टी की हार से पता चलता है कि इस स्कीम से वोटरों को आकर्षित नहीं किया जा सकता

अपडेटेड Dec 05, 2023 पर 10:35 PM
Story continues below Advertisement
हिमाचल प्रदेश समेत 4 राज्यों ने अलग-अलग रूप में पुरानी पेंशन स्कीम को पेश किया है

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में वोटरों को लुभाने के लिए पुरानी पेंशन स्कीम का दांव चला था। हालांकि, पार्टी को इन तीनों राज्यों में हार का सामना करना पड़ा, जबकि तेलंगाना में बिना इस वादे के वह चुनाव जीत गई। कांग्रेस नेता प्रवीण चक्रवर्ती के मुताबिक, तीनों राज्यों में पार्टी की हार से पता चलता है कि इस स्कीम से वोटरों को आकर्षित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, ' वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकारों ने वाजिब वजहों से पुरानी पेंशन स्कीम को हटाकर नेशनल पेंशन स्कीम की शुरुआत की थी। बीजेपी ने राजस्थान में जीत हासिल की है और उसे राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने के फैसले को लेकर फिर से विचार करना चाहिए।'

जोखिम भरा दांव

जब कांग्रेस ने अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम फिर से बहाल करने के बारे में इच्छा जाहिर की, तो भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं से सावर्जनिक तौर पर इस कदम की आलोचना की। हिंदीभाषी राज्यों में बीजेपी की जीत पार्टी द्वारा अपने चुनावी वादों में पुरानी पेंशन स्कीम को शामिल नहीं करने के फैसले को सही ठहराता है।

पुरानी पेंशन स्कीम के तहत सरकार एंप्लॉयीज को उनकी अंतिम सैलरी का आधा हिस्सा पेंशन के तहत देती है और इसमें एंप्लॉयीज को कोई योगदान नहीं करना पड़ता है। साल 2004 में NPS की शुरुआत की गई है, जिसके तहत एंप्लॉयीज को अपने बेसिक सैलरी का 10 पर्सेंट देना पड़ता है, जबकि सरकार 14 पर्सेंट योगदान करती है और इस फंड को बाजार में निवेश करने के बाद मिलने वाले रिटर्न के आधार पर पेंशन दी जाएगी।


हिमाचल प्रदेश समेत 4 राज्यों ने अलग-अलग रूप में पुरानी पेंशन स्कीम को पेश किया है, जबकि कर्नाटक ने भी ऐसा करने का इरादा जाहिर किया है। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में भी सत्ता में आने पर इसे लागू करने का वादा किया था। पार्टी ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में इसे सही तरीके से लागू करने का वादा किया था। चक्रवर्ती का कहना है कि पुरानी पेंशन स्कीम का आइडिया कांग्रेस के राजनीतिक नेतृत्व के करीब रहे कुछ नौकरशाहों का है, जो कांग्रेस की जीत से फायदा उठाना चाहते हैं।

फिस्कल चुनौतियां

भारत के चुनावी विमर्श में पुरानी पेंशन स्कीम बनाम नई पेंशन स्कीम के मुद्दे ने इस कदम के आर्थिक असर को लेकर भी बहस छेड़ दी है। पुरानी पेंशन स्कीम में लौटने का फैसला राज्यों की वित्तीय हालत के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है और इसे वित्तीय रूप से गैर-जिम्मेदार कदम के रूप में देखा जा सकता है। पुरानी पेंशन स्कीम से भले ही छोटी अवधि में खर्च सीमित रहे, लेकिन मौजूदा सैलरी के हिसाब से पेंशन तैयार करने पर भविष्य में इसका बजट काफी बढ़ जाएगा।

रिजर्व बैंक ने सितंबर में अपने मंथली बुलेटिन में कहा था कि राज्य सरकारों द्वारा नई पेंशन स्कीम से पुरानी पेंशन स्कीम में शिफ्ट करना वित्तीय रूप से टिकाऊ नहीं होगा और यह एक तरह से पीछे की तरफ लौटना भी होगा। रिजर्व बैंक के बुलेटिन के मुताबिक, छोटी अवधि में पुरानी पेंशन स्कीम की तरफ लौटना भले ही आकर्षक लगे, लेकिन भविष्य में इससे वित्तीय बोझ काफी बढ़ जाएगा।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Dec 05, 2023 10:35 PM

हिंदी में शेयर बाजारस्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंसऔर अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।