विधानसभा चुनावों से पहले नक्सलियों की चुनावी प्रक्रिया प्रभावित करने की कोशिश, बस्तर इलाके में तीन ग्रामीणों की हत्या

नक्सलियों को तीनों के पुलिस के मुखबीर होने का संदेह था। इस बीच, केंद्रीय सुरक्षा बलों को नक्सली साहित्य और कुछ दस्तावेज मिले हैं। इनसे पता चलता है कि नक्सली फिर से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उस इलाके में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रह हैं, जिसे MMC बेल्ट कहा जाता है। यह छत्तीसगढ़ के दक्षिण-पश्चिम में है

अपडेटेड Nov 03, 2023 पर 6:21 PM
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छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण का चुनाव 7 नवंबर को है। दूसरे चरण का चुनाव 17 नवंबर को होगा। बाकी चार राज्यों में एक ही चरण में चुनाव हो जाएंगे। चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों की आशंका को देखते हुए राज्य में दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2 नवंबर की कांकेर रैली से कुछ ही घंटों पहले नक्सलियों ने मोरखानदी के तीन ग्रामीणों का अपहरण करने के बाद उनकी हत्या कर दी। इस घटना को इस बार के चुनावों के दौरान पहले नक्सली हमले के रूप में देखा जा रहा है। बताया जाता है कि नक्सलियों को तीनों के पुलिस के मुखबीर होने का संदेह था। इस बीच, केंद्रीय सुरक्षा बलों को नक्सली साहित्य और कुछ दस्तावेज मिले हैं। इनसे पता चलता है कि नक्सली फिर से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उस इलाके में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रह हैं, जिसे MMC बेल्ट कहा जाता है। यह छत्तीसगढ़ के दक्षिण-पश्चिम में है। इसे वे अपना विस्तार इलाका होने का दावा करते हैं। बस्तर इलाके में काम कर चुके सीआरपीएफ के सीनियर अफसर ने बताया कि इस इलाके में बीजापुर, सुकमा के कुछ हिस्से, नारायणपुर, कांकेर और राजनंदगांव के कुछ हिस्से आते हैं। यह इलाक अब भी नक्सलियों के आजाद इलाके के रूप में देखा जाता है।

इस इलाके में नक्सलियों की समानांतर सरकार

सीआरपीएफ के अधिकारी ने बताया कि यह एक तरह से प्रतिबंधित इलाका है, जहां सुरक्षा बल अब तक अपनी पैठ नहीं बना सके हैं। यहां नक्सलियों की समानांतर सरकार चलती है, जिसे इस इलाके के लोग जनताना सरकार कहते हैं। इस इलाके में नक्सलियों की पैसे की कमी नहीं है। उनके पास आधुनिक हथियारों की भी कोई कमी नहीं है। आम तौर पर नक्सली चुनावों से पहले गांव के लोगों, राजनीतिक नेताओं और सुरक्षा बलों को धमकी देते हैं। वे चुनाव कार्य से जुड़े सरकारी एंप्लॉयीज को भी पोलिंग बूथ पर नहीं आने की चेतावनी देते हैं। इसके लिए वे इलाके में अपने पोस्टर बांटते हैं।


चुनावों से पहले नक्सली बढ़ाते हैं सक्रियता

बंगाल, झारखंड, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे देश के नक्सल प्रभावित इलाकों में अब शांति है। स्थिति में बहुत सुधार आया है। नक्सली घटनाओं में कमी आई है। लेकिन, छत्तीसगढ़ का बस्तर इलाका अब भी नक्सलियों की छाया से बाहर नहीं निकल सका है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के नजदीक आने पर नक्सली अपने इलाकों में सक्रियता बढ़ा देते हैं। छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्से में बस्तर डिवीजन आता है। इसके तहत 12 जिले आते हैं, जिनमें विधानसभा की 12 सीटें हैं। चुनावों के पहले नक्लसली हमले बढ़ जाने से इस इलाके स्थिति असामान्य हो जाती है।

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण का चुनाव 7 नवंबर को है। दूसरे चरण का चुनाव 17 नवंबर को होगा। बाकी चार राज्यों में एक ही चरण में चुनाव हो जाएंगे। चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों की आशंका को देखते हुए राज्य में दो चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया है। इससे चुनाव वाले इलाकों में सुरक्षा बलों की पर्याप्त तैनाती की जा सकेगी। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। अभी राज्य में कांग्रेस की सरकार है। भूपेश बघेल मुख्यमंत्री है, जो दूसरी बार सत्ता में आने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।

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First Published: Nov 03, 2023 5:56 PM

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