महादेव सट्टेबाजी ऐप से जुड़ी 15,000 करोड़ रुपये की कथित जुए और साइबर धोखाधड़ी मामले में आरोपों का सामना कर रहे छत्तीसगढ़ के निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ सकती है। न्यूज 18 के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) को छत्तीसगढ़ से शुरू हुए महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले के मुख्य आरोपियों में से एक शुभम सोनी (Shubham Soni On Bhupesh Baghel) से 11 पेज के बयान की नोटराइज कॉपी मिली है। सोनी कथित तौर पर सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों में से एक है। वर्तमान में वह दुबई में है। न्यूज़18 को ED के शीर्ष सूत्रों से पता चला है कि यह बयान पिछले महीने दुबई में भारतीय उच्चायोग के माध्यम से ED तक पहुंचा था।
सोनी ने पहले एक वीडियो बयान में राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कारोबार चलाने के लिए उनसे पैसे लेने का आरोप लगाया था। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दावा किया कि फॉरेंसिक विश्लेषण और एक कैश कूरियर द्वारा दिए गए बयान से चौंकाने वाले आरोप सामने आए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटरों ने भूपेश बघेल को अब तक लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है और यह जांच का विषय है।
बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शुभम सोनी का एक वीडियो जारी किया था जिसमें सोनी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह ऐप का मालिक है और उसके पास छत्तीसगढ़ के मुख्य भूपेश बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपये का भुगतान करने का सबूत है। हालांकि, बघेल ने इस दावे को खारिज कर दिया है।
केंद्र ने ED के अनुरोध पर पांच नवंबर को महादेव ऐप सहित 22 अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने के आदेश जारी किए। सट्टेबाजी के 22 अवैध मंचों पर प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई ed द्वारा एक अवैध सट्टेबाजी ऐप गैंग के खिलाफ की गई जांच और छत्तीसगढ़ में महादेव ऐप के संबंध में छापेमारी के बाद हुई है।
अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने ऐप के संबंध में कम से कम 75 FIR दर्ज की हैं और ईडी भी मामले की जांच कर चुकी है। पुलिस ने इससे पहले कहा था कि 2019 से धोखाधड़ी करने के आरोप में ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी और अन्य सहित 32 लोगों के खिलाफ इस महीने की शुरुआत में मुंबई के माटुंगा थाने में FIR दर्ज की गई थी।
FIR के अनुसार, आरोपियों ने लोगों से करीब 15 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है क्योंकि सोनी ने भारतीय उच्चायोग द्वारा विधिवत सत्यापित एक नोटराइज बयान ED को भेजकर अपने बयान को कानूनी रूप से पुष्टि कर दिया है। इसका मतलब यह है कि आने वाले दिनों में भूपेश बघेल के लिए मुसीबत बढ़ सकती है।
ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज18 को बताया कि नोटराइज कॉपी अब PMLA (Prevention of Money Laundering Act) की धारा 50 के तहत कानूनी रूप से वैध सबूत है और यह चार्जशीट का हिस्सा होगी। अधिकारी ने कहा कि मामले के संबंध में जनवरी की शुरुआत में मामला दर्ज किया जा सकता है।