छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कुछ दिनों पहले राज्य में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, 'मैं इस मंच से यह ऐलान करना चाहता हूं कि जिस तरह से हमने पिछली बार किसानों का कर्ज माफ किया था, उसी तरह इस बार भी सत्ता में आने पर कर्जमाफी करेंगे।' नीति आयोग के मुताबिक, राज्य की 70 पर्सेंट आबादी खेती से जुड़ी है और किसान यहां अहम वोट बैंक हैं।
24 अक्टूबर की रैली में बघेल ने कहा था, 'सरकार ने किसानों के कल्याण और समर्थन के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिससे कांग्रेस को कुल 90 सीटों में से 75 से भी ज्यादा सीटें जीतने में मदद मिली।' किसानों की इनकम में बढ़ोतरी सभी पार्टियों के एजेंडे का अहम हिस्सा रही है। नरेंद्र मोदी सरकार भी बड़े पैमाने पर वोट बैंक को आकर्षित करने के लिए किसानों पर दांव लगाने में जुटी है। इस तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार ने भी कृषि संबंधी कई योजनाएं पेश की हैं।
फिर से चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस को MSP पर भरोसा
छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को धान पर केंद्र सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से 6OO रुपये अतिरिक्त भुगतान कर रही है। यह बेहद अहम है, क्योंकि राज्य सरकार बड़े पैमाने पर धान की खरीद करती है। छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर चावल का उत्पादन होता है। राज्य के कुल कृषि क्षेत्र में धान की फसल की हिस्सेदारी 68.8 पर्सेंट है। छत्तीसगढ़ में किसान केंद्र सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा कीमत पर अपने उत्पाद बेच रहे हैं। इस वजह से 2017-18 से 2021-22 के दौरान धान के उत्पादन में 63 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है। बघेल 2018 में मुख्यमंत्री बने थे।
इसके अलावा, राज्य सरकार ने बजट 2023-24 में नई सिंचाई परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। कांग्रेस और बीजेपी ने अभी तक राज्य के लिए घोषणापत्र जारी नहीं किया है, लेकिन बघेल सरकार ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आती है, तो अगले सीजन से धान के खरीद मूल्य को बढ़ाकर 3,600/क्विंटल करेगी। साथ ही, किसानों की कर्जमाफी का वादा किया गया है।
वंचित समुदायों तक पानी पहुंचा रहे सोलर पंप
राज्य में सौर सुजला योजना (solar pumps programme) काफी सफल रही है। अशोका ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड एनवायरनमेंट (ATREE), बेंगलुरु में रिसर्च एसोसिएट वेंकट रामानुजम रमानी ने बताया, 'छत्तीसगढ़ की सफलता इस योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के किसानों को टारगेट करने में रही है। सरकार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से जनजाति समुदाय के लोगों को खेती से जोड़ने की कोशिश कर रही है।' रमानी के मुताबिक, माइनिंग और स्टील इंडस्ट्री से हासिल होने वाले रेवेन्यू की वजह से यह राज्य योजनाओं, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर और पावर सप्लाई में निवेश करने में सफल रहा है।
जैविक खेती के लिए नहीं बन पाई है गुंजाइश
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ की भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना ज्यादा सफल नहीं रही है। राज्य में महज 71,000 हेक्टेयर में जैविक खेती हो रही है, जो कुल कृषि क्षेत्र का महज 1.5 पर्सेंट है।