Mahadev App Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महादेव ऑनलाइन बुक ऐप के जरिए गैरकानूनी सट्टेबाजी और गेमिंग से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रायपुर की विशेष अदालत में नया चार्जशीट दाखिल किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने दूसरी अभियोजन शिकायत (आरोप) को दुबई के अधिकारियों से भी शेयर किया है ताकि ऐप के दो प्रमुख प्रमोटरों रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर का निर्वासन या प्रत्यर्पण कराया जा सके। दोनों को हाल में ED की पहल पर इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस के तहत दुबई में हिरासत में लिया गया था।
माना जा रहा है कि एजेंसी ने पहले चार्जशीट की सामग्री संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अधिकारियों से साझा की थी जिसके आधार पर दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया और इंटरपोल ने रेड नोटिस जारी किया। आधिकारिक सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि लगभग 1,700-1,800 पन्नों का नया चार्जशीट एक जनवरी को दायर किया गया जिसमें पांच लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। इनमें कथित कैश कूरियर असीम दास, पुलिस कांस्टेबल भीम सिंह यादव, ऐप से जुड़े एक प्रमुख कार्यकारी शुभम सोनी और अन्य शामिल हैं।
ED के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि PMLA कोर्ट द्वारा 10 जनवरी को चार्जशीट पर संज्ञान लेने की उम्मीद है। ED ने दास और यादव को नवंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले गिरफ्तार किया था। ऐप के कथित मालिक सोनी ने पहले एक वीडियो बयान जारी किया था।
इसमें ED को एक हलफनामा भेज कर दावा किया गया था कि ऐप को बिना कानूनी कार्रवाई अपना अवैध कारोबार करने की अनुमति देने के लिए नेताओं और उनसे जुड़े व्यक्तियों को दी गई रिश्वत के सबूत हैं। एजेंसी ने रायपुर में स्पेशल PMLA कोर्ट के समक्ष दायर अपने पहले चार्जशीट में चंद्राकर और उप्पल के साथ कुछ अन्य लोगों को भी नामित किया था।
भूपेश बघेल पर लगे बड़े आरोप
एजेंसी ने नवंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले दावा किया था कि फोरेंसिक एक्सपर्ट और असीम दास के बयान से चौंकाने वाले आरोप लगे हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रवर्तकों ने छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। हालांकि, ईडी ने साथ में यह भी कहा कि ये आरोप जांच का विषय है। बघेल ने इन आरोपों को उनकी छवि खराब करने का प्रयास बताया था जबकि कांग्रेस ने इसे अपने (तत्कालीन)मुख्यमंत्री के खिलाफ केंद्र की बदले की राजनीति करार दिया था।