प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 2 नवंबर को कांकेर में रैली को संबोधित किया। माना जा रहा है कि मोदी की इस रैली से छत्तीसगढ़ में भाजपा के चुनाव अभियान को नई ताकत मिलेगी। प्रधानमंत्री ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर पिछड़े वर्गों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा सरकार बनने पर पिछड़ी जातियों के विकास के खास उपाय किए जाएंगे। उन्होंने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हर काम के लिए लोगों को घूस देने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने लोगों से राज्य की कांग्रेस सरकार को सत्ता से हटाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह खनिज संपदा से समृद्ध राज्य है। लेकिन कांग्रेस सरकार ने कभी लोगों को इसका फायदा नहीं होने दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के विकास के लिए केंद्र सरकार ने पैसे भेजे। लेकिन, राज्य सरकार ने इसका फायदा भी लोगों तक नहीं पहुंचने दिया। यहां कोयला की खानें हैं, फिर भी लोगों को पर्याप्त बिजली नहीं मिलती। यह राज्य में प्रधानमंत्री मोदी की पहली रैली है। राज्य में दो चरणों में चुनाव होने वाले हैं। पहले चरण के तहत 7 नवंबर को वोटिंग होगी। दूसरे चरण में 17 नवंबर को वोटिंग होगी।
भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बार छत्तीसगढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं को कई तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं है। वे खुद को दिशाहीन भी महसूस कर रहे हैं। बस्तर के आदिवासी बहुल इलाकों में भी भाजपा कार्यकर्ता संतुष्ट नहीं हैं। ज्यादातर नेताओं का मानना है कि इस बार का चुनाव सिर्फ पीएम मोदी के नाम पर लड़ा जा रहा है। भाजपा ने अब तक छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम तक का ऐलान नहीं किया है। दूसरे राज्यों में भाजपा की चुनावी तैयारियां यहां के मुकाबले बेहतर स्थिति में हैं। बस्तर इलाके के एक भाजपा नेता ने कहा कि हमारी पार्टी ने मुख्यमंत्री के नाम के बगैर बंगाल और कर्नाटक के चुनाव लड़ा था। दोनों ही राज्य में हमें काफी नुकसान उठाना पड़ा।
मुख्यमंत्री उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं होने से निराशा
उन्होंने कहा कि भाजपा को वोट देने वाले लोग यह जानना चाहते हैं कि वे किस मुख्यमंत्री के लिए अपने वोट का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे भावी मुख्यमंत्री के बारे में जानना चाहते हैं। लेकिन, हमारे पास इस सवाल का जवाब नहीं है। हम हमेशा मोदीजी के नाम पर लोगों का वोट मांगते हैं। यह रणनीति तो आम चुनावों में सफल हो सकती है, लेकिन विधानसभा चुनावों में इससे नुकसान होता है। हमें अपने नेता के बारे में जानकारी होनी चाहिए। लोगों को मुख्यमंत्री का चेहरा पता होना चाहिए। हमारे लिए लोगों के सवालों के जवाब देना बहुत मुश्किल साबित हो रहा है।
पहले चरण की 20 सीटों में से ज्याादतर कांग्रेस के पास
पहले चरण में 7 नवंबर को 20 सीटों पर वोटिंग होने वाली है। इनमें से 7 दुर्ग डिवीजन में और 12 बस्तर में हैं। राजनंदगांव को छोड़ सभी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। राजनंदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह विधायक हैं। सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में 15 साल तक भाजपा की सरकार रही। लेकिन, 2018 के चुनावों में भाजपा को कांग्रेस ने सत्ता से बेदखल कर दिया। अभी राज्य की 90 सीटों में से 71 कांग्रेस के पास है, जबकि भाजपा के खातें में 13 सीटे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों सहित समाज के कई वर्गों के लिए स्कीमों का ऐलान किया है। इसका फायदा कांग्रेस को चुनावों में मिल सकता है।