Chhattisgarh Election 2023 Phase 2 Voting: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में शुक्रवार (17 नवंबर) को जिन 70 सीटों पर मतदान होगा उनमें बिलासपुर संभाग की वे 25 सीटें भी शामिल हैं जो राज्य विधानसभा में लगभग एक तिहाई विधायक भेजती हैं। इन सीटों पर जीत के लिए राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। राज्य के पांच संभागों में से एक मध्य क्षेत्र में स्थित बिलासपुर संभाग में सबसे अधिक 25 विधानसभा क्षेत्र हैं जो राज्य में यह फैसला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं कि सत्ता की चाबी किसके हाथ लगेगी।
बिलासपुर संभाग एक ऐसा क्षेत्र है जहां से कांग्रेस को 2018 के चुनाव में अन्य जगहों के मुकाबले कम सीटें मिली थीं। बता दें कि राज्य की 90 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हो रहा है। पहले चरण में 20 सीटों पर मतदान हो चुका है। जबकि दूसरे चरण में 70 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होने वाला है।
2018 में संभाग में 24 सीटें थीं, जिनमें से कांग्रेस ने 12 जबकि बीजेपी ने 7 सीटें जीती थी। वहीं बहुजन समाज पार्टी (BSP) को दो और तत्कालीन अजीत जोगी के नेतृत्व वाली जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (J) को तीन सीटें मिली थी। राज्य में सारंगढ़-बिलाईगढ़ के नाम से नए जिले के निर्माण के बाद बिलाईगढ़ सीट (जो पहले रायपुर संभाग में थी) बिलासपुर संभाग में शामिल कर दी गई। 2018 में बिलाईगढ़ सीट कांग्रेस ने जीती थी। 2018 में इस क्षेत्र की दो सीटों पर जीत हासिल करने वाली BSP ने इस बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) के साथ गठबंधन किया है। राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) भी मैदान में है।
बीजेपी-कांग्रेस ने झोंकी ताकत
चुनाव प्रचार के दौरान BJP और कांग्रेस दोनों ने इस बार बिलासपुर संभाग में प्रचार में अपनी पूरी ताकत लगा दी। इस क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी अपनी पार्टियों के पक्ष में रैलियां कीं। बिलासपुर संभाग में आठ जिले रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, सक्ती, तथा सारंगढ़-बिलाईगढ़ शामिल हैं। संभाग की 5 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए तथा पांच सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
BJP ने किया 20 सीटें जीतने का दावा
छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर से सांसद अरुण साव ने दावा किया कि आंतरिक सर्वेक्षणों के अनुसार भाजपा इस क्षेत्र की 25 में से 20 सीटें जीत सकती है। लोरमी विधानसभा सीट से प्रत्याशी साव ने कहा कि पार्टी ने संभाग में नए चेहरों के साथ-साथ वरिष्ठ नेताओं को भी मैदान में उतारा है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण चंदेल (जांजगीर-चांपा सीट), पूर्व IAS अधिकारी ओपी चौधरी (रायगढ़), BJP के दिग्गज नेता दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव के परिवार के दो सदस्य संयोगिता जूदेव (चंद्रपुर) और प्रबल प्रताप सिंह जूदेव (कोटा) इस संभाग में अन्य प्रमुख BJP उम्मीदवारों में से हैं।
कांग्रेस ने भी किया शानदार प्रदर्शन का दावा
छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पिछले चुनाव में पार्टी को बिलासपुर संभाग में अपेक्षा से कम सफलता मिली थी इसलिए पार्टी ने संभाग में प्रचार के लिए विस्तृत योजना बनाई। शुक्ला ने पीटीआई से कहा कि हमने पिछली बार राज्य में तीन-चौथाई बहुमत से जीत हासिल की थी, लेकिन बिलासपुर संभाग में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। उन्होंने बताया कि खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे शीर्ष नेताओं ने इस बार क्षेत्र में आक्रामक रूप से प्रचार किया।
शुक्ला ने कहा कि यह क्षेत्र प्रमुख रूप से कृषि प्रधान क्षेत्र भी है और पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस सरकार द्वारा 2,600 रुपये प्रति क्विंटल पर धान की खरीद किए जाने और न्याय योजनाओं से पार्टी को चुनाव में मदद मिलेगी। कांग्रेस ने सत्ता में बने रहने पर धान खरीद दर बढ़ाकर 3200 रुपये प्रति क्विंटल करने और कृषि कर्ज माफ करने का भी वादा किया है।
त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना
BJP और कांग्रेस के दावों के बीच इस क्षेत्र की कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है जो दोनों बड़े दलों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इस क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री दिवंगत अजीत जोगी का काफी प्रभाव था। हालांकि, दोनों राष्ट्रीय दलों का दावा है कि मुकाबला कांग्रेस और BJP के बीच ही होगा। बिलासपुर संभाग में विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत (सक्ती सीट), मंत्री उमेश पटेल (खरसिया) और जयसिंह अग्रवाल (कोरबा) भी कांग्रेस के प्रमुख उम्मीदवारों में से हैं जिनके भाग्य का फैसला 17 नवंबर को होगा।