छत्तीसगढ़ का सरगुजा इलाका: 2018 में कांग्रेस ने जीती थी सभी 14 सीटें, क्या BJP दे पाएगी चुनौती?

Porinju Veliyath News: लॉ ग्रेजुएट से लेकर दिग्गज निवेशक बनने तक, पोरिंजू वेलियाथ (Porinju Veliyath) ने एक लंबा सफर तय किया है! इक्विटी इंटेलीजेंस के फाउंडर और सीईओ वेलियाथ ने मनीकंट्रोल को दिए एक हालिया इंटरव्यू में अपने सफर को लेकर बात की। उन्होंने बताया कि उन्हें स्कूली दिनों से शेयर बाजार में काफी दिलचस्पी थी, जो अबतक बनी हुई है। वेलियाथ ने 1990 में मुंबई में एक फ्लोर ट्रेडर के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी

अपडेटेड Nov 11, 2023 पर 9:36 PM
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Porinju Veliyath ने 1990 में मुंबई में एक फ्लोर ट्रेडर के रूप में अपने करियर की शुरूआत की थी

Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस (Congress) के सामने सरगुजा (Surguja) इलाके में अपना 2018 का प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है। पार्टी को इस समय यहां आंतरिक कलह के साथ सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ रहा है। सरगुजा, छत्तीसगढ़ का एक प्रशासनिक प्रखंड है। इस प्रखंड में कुल 14 विधानसभा सीटे हैं। कांग्रेस ने 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की 14 सीटों पर जीत हासिल की थी। इतनी बड़ी संख्या में सीटों पर जीत मिलने से राज्य में पार्टी को बड़ी बहुमत के साथ सरकार बनाने में मदद मिली थी। कांग्रेस ने तब 90 में से 68 सीट जीती थीं और 15 वर्ष बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) को छत्तीसगढ़ की सत्ता से बाहर किया था।

कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) दोनों इसी सरगुजा इलाके से आते हैं। राजनीतिक विश्लेशकों का कहना है कि यह कांग्रेस के लिए मजबूत पक्ष होने के साथ-साथ इसका कमजोर भी पक्ष रहा है। दरअसर इन दोनों बड़े नेताओं के बीच अंदरखाने प्रतिद्वंद्विता चलता है, जो पार्टी को चुनाव में नुकसान पहुंचा सकती है।

सरगुजा में कुल 6 जिले हैं। इसमें जशपुर, कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा, बलरामपुर और नवगठित मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी) शामिल हैं। इनमें से जशपुर जिले में कुनकुरी, पत्थलगांव और जशपुर; सरगुजा जिले में अंबिकापुर, लुंड्रा और सीतापुर; बलरामपुर जिले में प्रतापपुर, रामानुगंज और सामरी; सूरजपुर जिले में प्रेमनगर और भटगांव; कोरिया जिले में बैकुंठपुर और एमसीबी जिले में मनेंद्रगढ़ और भरतपुर-सोहनाट सहित कुल 14 विधानसभा सीट मौजूद हैं। इन सभी सीटों पर चुनाव के दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा।


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14 में से 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। सरगुजा इलाका छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से में है और इसे घने जंगलों के साथ अहम खनिज संसाधनों की मौजूदगी के लिए जाना जाता है। एक वक्त इसे नक्सल प्रभावित इलाका माना जाता था, लेकिन बाद में यहां शांति कायम करने में कामयाबी मिली। इस इलाके की सीमा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड, तीनों से लगती है।

साल 2008 के चुनाव में बीजेपी ने इस इलाके की 9 और कांग्रेस ने 5 सीटें जीती थीं। वहीं, 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा को 7-7 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि, 2018 के चुनाव में भाजपा को सरगुजा संभाल की सभी सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा था।

भूपेश बघेल की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार के तीन मंत्री- टीएस सिंहदेव, अमरजीत भगत और प्रेमसाय सिंह टेकाम सरगुजा इलाके से आते हैं। टेकाम ने इस साल जुलाई में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। टीएस सिंहदेव ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से एक बातचीत में कहा, "कांग्रेस निश्चित रूप से अधिकतर सीटों पर बढ़त बनाएगी। मुझे लगता है कि कांग्रेस को 10-11 से कम सीटें नहीं मिलेंगी।" हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी को इस बार कुछ झटका लग सकता है।

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First Published: Nov 11, 2023 9:36 PM

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