छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: राहुल गांधी ने KG से PG तक मुफ्त शिक्षा का वादा किया
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: अंबिकापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए और कई वादे करते हुए, गांधी ने घोषणा की कि राज्य के किसानों को चावल के लिए 3,200 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलेगा। छत्तीसगढ़ में, आबादी का एक बड़ा हिस्सा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती से जुड़ा हुआ है। 2021 के NABARD स्टडी के अनुसार, राज्य के 55 प्रतिशत परिवारों का कृषि से सीधा संबंध है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: राहुल गांधी ने KG से PG तक मुफ्त शिक्षा का वादा किया
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023: कांग्रेस (Congress) नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 8 नवंबर को कहा कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता बरकरार रखती है, तो छत्तीसगढ़ KG से PG (किंडरगार्टन से पोस्ट-ग्रेजुएशन) तक मुफ्त शिक्षा देने वाला भारत का पहला राज्य होगा। गांधी ने कहा, “सरकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे लोगों के कल्याण के लिए काम करें, न कि उद्योगपतियों का पक्ष लेने के लिए। बीजेपी स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों का निजीकरण कर रही है, जिससे बुनियादी सुविधाएं लोगों की पहुंच से बाहर हो गई हैं। छत्तीसगढ़ में दूसरा कार्यकाल मिलते ही हम मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करेंगे।"
अंबिकापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए और कई वादे करते हुए, गांधी ने घोषणा की कि राज्य के किसानों को चावल के लिए 3,200 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलेगा।
छत्तीसगढ़ में, आबादी का एक बड़ा हिस्सा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती से जुड़ा हुआ है। 2021 के NABARD स्टडी के अनुसार, राज्य के 55 प्रतिशत परिवारों का कृषि से सीधा संबंध है।
अदिवासियों को लेकर क्या बोले राहुल?
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “हम 3,200 रुपए से शुरुआत करेंगे और ये बढ़ता रहेगा। किसानों को सरकार को याद दिलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को तेंदू पत्ते की प्रति बोरी 6,000 रुपए का न्यूनतम समर्थन मूल्य और 4,000 रुपए का सालाना बोनस दिया जाएगा।”
उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी के नेतृत्व ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के कार्यान्वयन का वादा किया था और 2020 में इसकी शुरुआत के बाद से लाभार्थियों को 23,000 करोड़ रुपए वितरित किए गए हैं।
गांधी ने वादा किया कि सरकार बनने के बाद कांग्रेस लोगों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली देने के फैसले को लागू करेगी, जिससे राज्य के 40 लाख परिवारों को फायदा होगा।
बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी आदिवासियों को "आदिवासी" के बजाय "वनवासी" कहने में अनिच्छुक रही है।
गांधी ने सवाल किया, “हम आदिवासी शब्द में विश्वास करते हैं, क्योंकि ये भूमि, जल और जंगल पर उनके अधिकारों को सुरक्षित करता है। वनवासी का तात्पर्य जंगलों में रहने वाले और उनके संसाधनों का दोहन करने वाले लोगों से है। जंगल खत्म होने के बाद, बीजेपी को जवाब देना चाहिए कि ये लोग कहां जाएंगे।”
उन्होंने मध्य प्रदेश की घटना को भी याद किया जहां प्रवेश शुक्ला नाम के एक व्यक्ति को जमीन पर बैठे एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करते हुए सिगरेट पीते देखा गया था।
राहुल ने कहा, “बीजेपी नेता ने जानबूझकर उस आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने का वीडियो शेयर किया। ऐसा लगता है कि पार्टी नहीं चाहती कि आदिवासी सफल हों और उनके सपनों को कुचलने पर आमादा है।”
उन्होंने अपने बयान में लापरवाही बरतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। शुरुआत में, मोदी ने ओबीसी समुदाय से होने का दावा किया, लेकिन अब वे कहते हैं कि भारत में केवल एक ही जाति है, जो गरीबी है।
उन्होंने कहा कि मोदी के रुख में बदलाव कांग्रेस पार्टी की तरफ से देश में जाति जनगणना कराने का मुद्दा उठाने के बाद आया है।
कांग्रेस नेता कहा, “अगर भारत में गरीबी ही एकमात्र जाति है, तो प्रधान मंत्री खुद को ओबीसी समुदाय से नेता क्यों कह रहे थे? वह करोड़ों रुपए के कपड़े पहन रहे हैं, लेकिन जब ओबीसी युवाओं को उनके समर्थन की जरूरत होती है, तो वह अपना रुख बदल लेते हैं।”