Chhattisgarh Assembly Elections 2023: पहले चरण का मतदान समाप्त होने के अगले दिन बुधवार 8 नवंबर को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बेहद करीबी पटाखा कारोबारी सुरेश धिंगानी के घर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बुधवार को एक पोस्ट में बघेल ने अपने करीबी के घर छापेमारी का दावा किया। सूत्रों के मुताबिक, ये छापेमारी महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाला मामले में हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ED पर राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले उनकी छवि धूमिल करने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास करने का आरोप लगाया।
सीएम बघेल ने बुधवार को X पर एक पोस्ट में लिखा, "मुझे लगा था पहले चरण का एक्जिट पोल कुछ दिनों बाद पता चलेगा। लेकिन साहेब ने आज सुबह ही बता दिया...। सुबह-सुबह ED को मेरे नामांकन के दौरान मेरे साथ उपस्थित एवं मेरी निर्वाचन प्रक्रिया में आधिकारिक व्यय लेखक की भूमिका निभा रहे श्री सुरेश धिंगानी जी के यहां ED को भेज दिया है। पाटन विधानसभा की जनता को डराने की ये कोशिश वैसी ही विफलता मिलेगी होगी जैसी कल 20 सीटों पर मतदान में भाजपा को मिली है। छत्तीसगढ़ियों को कमजोर और कायर मत समझो साहेब, अपना चावल खाते हैं, वो भी पूरे स्वाभिमान से..बात हे अभिमान के...छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान के।"
इसके अलावा न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, बिलासपुर में पत्रकारों से बातचीत में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "महादेव ऐप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्या संलिप्तता है उन्हें बताना चाहिए, क्योंकि महादेव ऐप बंद नहीं हुआ है... बीजेपी की क्या संलिप्तता है? प्रधानमंत्री क्यों इसे संरक्षण दे रहे हैं?"
प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि फॉरेंसिक विश्लेषण और पैसे का लेन-देन करने वाले एक व्यक्ति के बयान में चौंकाने वाले आरोप सामने आए हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप के प्रमोटर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुके हैं। ED ने कहा कि यह जांच का विषय है।
बघेल ने पिछले दिनों कहा था, "जैसा कि मैंने पहले कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ED, IT (आयकर विभाग), DRI (राजस्व खुफिया निदेशालय) और CBI (केंद्रीय जांच ब्यूरो) जैसी एजेंसियों के सहारे छत्तीसगढ़ का चुनाव लड़ना चाहती है। चुनाव के ठीक पहले ईडी ने मेरी छवि धूमिल करने का सबसे कुत्सित प्रयास किया है। यह कांग्रेस की लोकप्रिय सरकार को बदनाम करने का राजनीतिक प्रयास है, जो ईडी के माध्यम से किया जा रहा है।"
बघेल ने आगे लिखा, "महादेव ऐप की कथित जांच के नाम पर ED ने पहले मेरे करीबी लोगों को बदनाम करने के लिए उनके घर छापे मारे और अब एक अनजान से व्यक्ति के बयान को आधार बनाकर मुझ पर 508 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगा दिया है। ईडी की चालाकी देखिए कि उस व्यक्ति का बयान ज़ाहिर करने के बाद एक छोटे से वाक्य में लिख दिया है कि बयान जांच का विषय है। अगर जांच नहीं हुई है तो एक व्यक्ति के बयान पर प्रेस विज्ञप्ति जारी करना न केवल ईडी की नीयत को बताता है बल्कि इसके पीछे केंद्र सरकार की बदनीयती को भी ज़ाहिर करता है।"