Assembly Elections 2023 Results: एक्सपर्ट का कहना है कि देश के तीन महत्वपूर्ण हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में प्रचंड जीत हासिल कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) गुट का सामना करने के लिए अपनी स्थिति पहले से काफी मजबूत कर ली है। बता दें कि I.N.D.I.A. ब्लॉक में कांग्रेस सहित 28 विपक्षी दल शामिल हैं। ये सभी विपक्षी दल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को चुनौती देने के लिए एकजुट हो गए हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हिंदी पट्टी के तीनों प्रमुख राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त न सिर्फ उसके लिए बड़ा झटका है, बल्कि यह हार विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में नेतृत्व एवं सीट बंटवारे पर मोलभाव करने की उसकी स्थिति को संभवत: कमजोर कर सकती है। इसकी बानगी भी चुनावी रुझानों में तीन राज्यों में कांग्रेस की हार नजर आने के साथ मिल गई, जब गठबंधन के एक प्रमुख घटक जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा कि देश का मुख्य विपक्षी दल अपने दम पर जीतने में सक्षम नहीं है।
मनीकंट्रोल के साथ एक इंटरव्यू में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) के प्रोफेसर संजय कुमार ने कहा कि विधानसभा चुनावों में हालिया हार हिंदी पट्टी में बीजेपी को चुनौती देने के लिए कांग्रेस पार्टी के संघर्ष का संकेत देती है। उन्होंने कहा, "अगर कांग्रेस तीन राज्यों में से एक में भी जीत जाती, तो यह 2024 के चुनावों से पहले उनके लिए एक महत्वपूर्ण मनोबल बढ़ाने वाली बात होती। हालांकि, उनकी स्पष्ट हार से पता चलता है कि उन्हें हिंदी बेल्ट में सत्ता हासिल करने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।"
कांग्रेस पार्टी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता में थी। जबकि मध्य प्रदेश और तेलंगाना में एक प्रमुख दावेदार थी। हालांकि, पार्टी ने केवल दक्षिणी राज्य तेलंगाना में ही जीत हासिल कर पाई। कांग्रेस अब सिर्फ तीन राज्यों हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में सत्ता में है। I.N.D.I.A. ब्लॉक के भविष्य के बारे में कुमार ने कहा कि मतदाताओं को आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली BJP को कड़ी चुनौती देने की पार्टी की क्षमता पर भरोसा नहीं है।
कांग्रेस के लिए वापसी का मौका खत्म?
संजय कुमार ने कहा, "अगर कांग्रेस जीत जाती, तो वह वापसी कर सकती थी। लेकिन अब वह मौका लगभग खत्म हो गया है। इस बीच, बीजेपी पहले के मुकाबले और भी अधिक मजबूत हो गई है।" उन्होंने उल्लेख किया कि I.N.D.I.A. गठबंधन को चुनौती पेश करने के लिए सीट-बंटवारे की व्यवस्था करने और कम से कम 250-300 सीटों पर BJP के खिलाफ एक उम्मीदवार खड़ा करने की जरूरत है। हालांकि, इसके बावजूद सफलता की गारंटी नहीं है, लेकिन यह सत्तारूढ़ दल के लिए एक कठिन चुनौती पेश कर सकती है।
इसके अलावा एक स्वतंत्र व्यापार सलाहकार सुनील अलघ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पर ध्यान उनकी नीतियों के कुशल कार्यान्वयन के कारण है। गरीबों और मध्यम वर्ग पर पीएम मोदी का जोर मतदाताओं को रास आया, जिससे वे उनके निरंतर नेतृत्व का समर्थन करने के लिए इच्छुक हो गए। I.N.D.I.A. ब्लॉक की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए अलघ ने कहा कि सीट-बंटवारा इसमें शामिल सभी दलों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा शासित पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों की जटिलताओं की ओर इशारा किया, जो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का समर्थन नहीं करेगी। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी जानती हैं कि CPI (M) को समर्थन देना उनकी पार्टी के लिए हानिकारक होगा। अन्य राज्यों में भी ऐसी ही स्थितियां हैं, जिससे किसी ठोस समझौते पर पहुंचना मुश्किल हो रहा है। लोग जागरूक हैं और मानते हैं कि पीएम मोदी एक अच्छे प्रधानमंत्री बनेंगे।" .