Assembly Elections 2023 : राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के मतदाताओं ने अपना फैसला सुना दिया है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। तेलंगाना में कांग्रेस की बनेगी सरकार। पांच राज्यों में हुए इन विधानसभा चुनावों के नतीजों पर पूरे देश की नजरें लगी थीं। कई लोगों का कहना था कि विधानसभा चुनावों के नतीजों से अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के नतीजों के संकेत मिलेंगे। मिजोरम में वोटों की गिनती 4 दिसंबर को होगी। ऐसे में 3 दिसंबर को चार राज्यों में सरकार किसकी बनेगी, इसकी तस्वीर करीब स्पष्ट हो गई है।
मध्य प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनने जा रही है। यहां पिछले करीब दो दशक से भाजपा सत्ता में है। सिर्फ 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद थोड़े समय के लिए कांग्रेस की सरकार बनी थी। लेकिन, यह सिर्फ 18 महीने चल पाई। 2020 में शिवराज सिंह भाजपा की सरकार बनाने में सफल रहे। ऐसा लगता है कि राज्य की जनता को शिवराज सिंह की योजनाएं पसंद आई हैं। खासकर लाडली बहना योजना मतदाताओं को पंसद आई है। चुनावों के दौरान कहा जा रहा था कि शिवराज सिंह के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है। लेकिन, चुनाव के नतीजे बताते हैं कि सिंह ने सत्ता विरोधी लहर का सामना सफलतापूर्व किया। राज्य में सुबह 10 बजे तक के रुझान में भाजपा 127 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि कांग्रेस 98 सीटों पर आगे है।
राजस्थान में पहले से भाजपा के चुनाव जीतने की उम्मीद की जा रही थी। इसकी एक बड़ी वजह राज्य में पिछले तीन दशकों से जारी परंपरा थी। इस राज्य में हर पांच साल में सत्ता बदलती रही है। ऐसा 1993 से हो रहा है। इस बार भी यह परंपरा जारी रही। कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। अशोक गहलोत की लाख कोशिशों के बावजूद राज्य की जनता ने उन्हें नकार दिया। उधर, भाजपा पांच साल बाद फिर से सरकार बनाने जा रही है। हालांकि, 30 नवंबर को आए एग्जिट पोल से इसका अंदाजा मिल गया था। ज्यादातर एग्जिट पोल में राजस्थान की बढ़ती दिखाई गई थी। राज्य में कुल 230 सीटों में से 199 सीटों पर चुनाव हुए। इनमें 105 सीटों पर भाजपा आगे चल रही है। कांग्रेस 79 सीटों पर आगे है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। राज्य की कुल 90 सीटों में से भाजपा 52 सीटों पर आगे चल रही है। इस तरह यह साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार बनाएंगे। सत्ता विरोधी लहर कांग्रेस पर भारी पड़ी है। उन्होंने राज्य में कांग्रेस के चुनाव प्रचार का नेतृत्व खुद किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह जैसे दिग्गज भाजपा नेताओं का मुकाबला किया। उन्होंने जमीनी स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया। इसका फायदा उन्हें नहीं मिला । राज्य की जनता ने रमन सिंह पर भरोसा किया। उस पर मोदी और शाह का जादू भी चला।
तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस को इस बार सीटे बढ़ने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन सरकार बनाने की उम्मीद नहीं की जा रही थी। यह कांग्रेस के लिए बहुत अच्छी खबर है। उसे इस बात का मलाल था कि उसने तेलंगाना को अलग राज्य बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। लेकिन, राज्य बनने के बाद से कभी उसे सत्ता में रहने का मौका नहीं मिला। भारत राष्ट्र समिति के के चंद्रशेखर राव लगातार दो चुनाव जीतने में सफल रहे थे। लेकिन, इस बार के चुनावों में कांग्रेस ने उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया है। कुल 119 सीटों में कांग्रेस 70 सीटों पर आगे चल रही है। बीआरएस के खाते में सिर्फ 37 सीटें जाती दिख रही है।