Assembly Elections 2023: किस चुनावी राज्य की महिलाओं को मिलेगा कितना पैसा? जीतना वाली पार्टी पर करता है निर्भर

Assembly Elections 2023: बीजेपी खेमे में, मध्य प्रदेश में महिलाओं को वर्तमान में 15,000 रुपए प्रति वर्ष दिए जा रहे हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी के सत्ता में लौटने पर इसे बढ़ाकर 36,000 रुपए प्रति वर्ष करने का वादा किया है। BJP ने राज्य में सत्ता में आने पर छत्तीसगढ़ में महिलाओं को प्रति वर्ष 12,000 रुपए देने का भी वादा किया है

अपडेटेड Nov 28, 2023 पर 1:54 PM
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Assembly Elections 2023: किस चुनावी राज्य की महिलाओं को मिलेगा कितना पैसा?

Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश (MP) और राजस्थान (Rajasthan) दोनों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। लेकिन एक महिला के तौर पर आपको सरकार से कितना पैसा मिलेगा ये न सिर्फ इस पर निर्भर करता है कि आप किस चुनाव वाले राज्य में रहती हैं, बल्कि इस बात पर भी निर्भर करता है कि 3 दिसंबर को सत्ता में कौन सी पार्टी आएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस ने तेलंगाना में महिलाओं के लिए 30,000 रुपए प्रति वर्ष, मध्य प्रदेश में महिलाओं के लिए 18,000 रुपए, छत्तीसगढ़ में 15,000 रुपए और राजस्थान में केवल 10,000 रुपए देने का वादा किया है।

बीजेपी खेमे में, मध्य प्रदेश में महिलाओं को वर्तमान में 15,000 रुपए प्रति वर्ष दिए जा रहे हैं और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी के सत्ता में लौटने पर इसे बढ़ाकर 36,000 रुपए प्रति वर्ष करने का वादा किया है।

BJP ने राज्य में सत्ता में आने पर छत्तीसगढ़ में महिलाओं को प्रति वर्ष 12,000 रुपए देने का भी वादा किया है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि BJP ने राजस्थान और तेलंगाना में महिलाओं के लिए कोई इस तरह की किसी भी स्कीम का ऐलान नहीं किया।


किस राज्य के लिए कितनी रकम, कैसे हुई तय?

अलग-अलग राज्य के लिए अलग-अलग रकम के क्या कारण हो सकते हैं? News18 ने BJP और कांग्रेस दोनों नेताओं से बात की, और उन्होंने बताया कि ये फैसला किसी विशेष राज्य की प्रति व्यक्ति आय पर भत्ते की सीमा, उस राज्य में मौजूद राजकोषीय घाटा और दोनों पक्षों की तरफ से राज्य जीतने की संभावना के आधार पर लिया गया है।

उदाहरण के लिए, एक वरिष्ठ BJP नेता ने News18 को बताया कि वे राजस्थान जीतने के लिए आश्वस्त थे, लेकिन तेलंगाना जीतने के लिए उतने आशान्वित नहीं थे, इसलिए उन्होंने दोनों राज्यों में से किसी में भी महिलाओं के लिए किसी तरह के आर्थिक भत्ता का ऐलान नहीं किया।

BJP नेता ने बताया, “हमने राजस्थान में बालिकाओं के लिए एकमुश्त धनराशि की पेशकश की है। मध्य प्रदेश में बहुत करीबी मुकाबला है, इसलिए दोनों पक्ष महिला वोटरों को लुभाने में लगे हैं। 'सीएम लाडली बहना योजना' के तहत हमारा वादा कांग्रेस की पेशकश से लगभग दोगुना है।"

दूसरा कारण प्रतिस्पर्धी राजनीति है। छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान तक न तो बीजेपी और न ही कांग्रेस ने महिलाओं के लिए कोई आर्थिक भत्ता देने की पेशकश की थी।

राज्य में दूसरे चरण के मतदान से कुछ ही दिन पहले BJP ने सत्ता में आने पर महिलाओं के लिए 12,000 रुपए प्रति वर्ष की सहायता की घोषणा करके सभी को आश्चर्यचकित कर दिया।

सत्तारूढ़ कांग्रेस को दूसरे चरण के मतदान से दो दिन पहले ये वादा करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि अगर वह सत्ता में आती है, तो महिलाओं को प्रति वर्ष 15,000 रुपए दिए जाएंगे।

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मध्य प्रदेश में भी, सीएम चौहान की तरफ से इसी तर्ज पर अपनी 'लाडली बहना योजना' शुरू करने से पहले कांग्रेस ने महिलाओं को प्रति वर्ष 18,000 रुपए देने का वादा किया था।

तेलंगाना में महिलाओं के लिए अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक पेशकश देखी गई है, जिसमें कांग्रेस ने प्रति वर्ष 30,000 रुपए देने का वादा किया है, जो कि कांग्रेस की तरफ से कर्नाटक में महिलाओं को दिए जाने वाले 24,000 रुपए प्रति वर्ष से भी ज्यादा है।

हिमाचल प्रदेश में, जहां इस साल की शुरुआत में चुनाव हुए थे, वहां कांग्रेस ने अपने चुनावी वादे के मुताबिक, महिलाओं को प्रति वर्ष 18,000 रुपए देना शुरू कर दिया है।

राज्य कांग्रेस के एक नेता ने News18 को बताया, "BJP ने हिमाचल प्रदेश को गंभीर वित्तीय घाटे में छोड़ दिया था... फिर भी कांग्रेस सरकार अपना वादा पूरा करने की कोशिश कर रही है।" कुल मिलाकर, चुनाव वाले राज्यों में महिलाएं चुनाव के लिए तैयार नहीं हैं।

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