Assembly Elections 2023: 26 दिनों में पीएम मोदी और शाह ने की 108 रैलियां, जानें कैसे दोनों नेताओं ने चुनाव अभियान को दिया धार

Assembly Elections 2023: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली रैली छत्तीसगढ़ में की थी। इसके बाद उन्होंने दुर्ग, विश्रामपुर, मुंगेली और महासमुंद में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के साथ ही वहां के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा और भ्रष्टाचार एवं कांग्रेस के कुशासन को मुद्दा बनाया

अपडेटेड Nov 29, 2023 पर 1:26 PM
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Assembly Elections 2023: पीएम मोदी ने 40 से अधिक चुनावी सभाओं को संबोधित किया और कुछ रोड शो भी किए

Assembly Elections 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले 26 दिनों में पांच चुनावी राज्यों में 108 रैलियां और रोड शो में हिस्सा लिया। पार्टी को उम्मीद है कि पीएम मोदी और शाह के इस तूफानी और व्यापक चुनावी अभियान से उसे भरपूर लाभ मिलेगा। खासकर हिंदी-भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भगवा पार्टी को अधिक उम्मीद है। बीजेपी ने इन राज्यों के चुनावों को पूरी तरह से पीएम मोदी के इर्द-गिर्द केंद्रित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के आखिरी दौर में 40 से अधिक चुनावी सभाओं को संबोधित किया और कुछ रोड शो भी किए।

पीएम मोदी ने की 42 रैलियां

न्यूज 18 के मुताबिक, पीएम मोदी ने 2 नवंबर से 27 नवंबर के बीच पांच चुनावी राज्यों में 42 सार्वजनिक रैलियों और चार बड़े रोड शो के साथ बीजेपी के चुनावी अभियान का नेतृत्व किया। पीएम की अधिकतम रैलियां दो बड़े राज्यों राजस्थान और मध्य प्रदेश में हुआ। प्रधानमंत्री ने राजस्थान के जयपुर और बीकानेर में 12 रैलियां और दो रोड शो किए। मध्य प्रदेश में सबसे अधिक उन्होंने 14 चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। जबकि मिजोरम में वह किसी  भी चुनावी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।


पिछले महीने 9 अक्टूबर को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया था। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में मतदान समाप्त हो चुका है। जबकि तेलंगाना में 30 दिसंबर को मतदान होना है। 3 दिसंबर को पांचों राज्यों में मतगणना के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि किस राज्य में किसकी सरकार बनेगी और कहां किसका जादू चला।

छत्तीसगढ़ से किया था अभियान की शुरूआत

चुनावों की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने पहली रैली छत्तीसगढ़ में की थी। इसके बाद उन्होंने दुर्ग, विश्रामपुर, मुंगेली और महासमुंद में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के साथ ही वहां के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा और भ्रष्टाचार एवं कांग्रेस के कुशासन को मुद्दा बनाया। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ की 90 में से 20 सीटों के लिए 7 नवंबर को पहले चरण का मतदान हुआ था, जबकि 17 नवंबर को 70 सीटों के लिए दूसरे एवं अंतिम चरण का मतदान संपन्न हुआ था। पहले चरण में जहां 78 प्रतिशत मतदान हुआ वहीं दूसरे चरण में 75.08 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया। पिछले चुनाव में कांग्रेस को राज्य में 68 सीट मिली थीं तथा बीजेपी 15 सीट पर सिमट गई थी।

एमपी में 14 जनसभाओं को किया संबोधित

मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री ने कुल 14 जनसभाओं को संबोधित किया और इंदौर में एक रोड शो किया। इस राज्य में उनकी पहली रैली रतलाम में हुई। उन्होंने सिवनी, खंडवा, सीधी, दमोह, गुना, मुरैना, सतना, छतरपुर, नीमच, बड़वानी, बेतुल, शाजापुर और झाबुआ में चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर राज्य के लगभग सभी हिस्सों तक पहुंचने की कोशिश की। मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री का पूरा जोर 'डबल इंजन' की सरकार और राज्य के विकास के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता पर रहा।

मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीट जीती जबकि BJP ने 109 सीट। शेष सीटें BSP, समाजवादी पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों के पास चली गईं। चुनाव परिणाम के बाद कमल नाथ के नेतृत्व में BSP, SP और निर्दलीयों की मदद से सरकार बनी थी। हालांकि, मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके करीबी विधायकों के विद्रोह के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई, जिससे शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की वापसी का रास्ता साफ हो गया। मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान हुआ था।

राजस्थान में 12 रैली में हुए शामिल

कांग्रेस शासित राजस्थान में पीएम मोदी ने कुल 12 जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपराध और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाना बनाया। प्रधानमंत्री ने चुनावी सभाओं के अंतिम दौर में उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड और दिवंगत नेता राजेश पायलट के साथ कांग्रेस के तत्कालीन शीर्ष नेतृत्व द्वारा किए गए व्यवहार को जोरशोर से उठाया। बता दें कि राजस्थान में हर पांच साल बाद सरकार बदल जाती है।

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गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस ने जहां इस रिवाज को बदलने के लिए पूरा दमखम लगा दिया वहीं बीजेपी ने मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की सत्ता में वापसी करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। प्रधानमंत्री ने जयपुर और बीकानेर में दो रोड शो भी किए। राज्य की 200 सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान समाप्त हुआ।

तेलंगाना 8 जनसभा को किया संबोधित

तेलंगाना में पीएम मोदी ने कुल आठ चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया और हैदराबाद में एक रोड शो किया। तेलंगाना में सीधी लड़ाई तो मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस के बीच है। लेकिन बीजेपी भी एक मजबूत ताकत के रूप में उभरने के मजबूती से चुनाव लड़ रही है।

यहां के चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री केसीआर के साथ कांग्रेस पर हमला बोला और राज्य में 'डबल इंजन' की सरकार की वकालत की। केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार को प्रधानमंत्री अक्सर 'डबल इंजन' सरकार कहते हैं। तेलंगाना की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है।

मिजोरम में कोई रैली नहीं

मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7 नवंबर को मतदान हुआ था। पूर्वोत्तर के इस राज्य में प्रधानमंत्री मोदी ने कोई चुनावी रैली नहीं की और ना कोई रोड या अन्य कार्यक्रम किया। मिजोरम में सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट और प्रमुख विपक्षी पार्टी जोराम पीपुल्स मूवमेंट के बीच मुकाबला है। कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर, वहीं BJP ने 23 और आम आदमी पार्टी (AAP) ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।

अमित शाह ने भी किया व्यापक चुनावी अभियान

अमित शाह ने इस महीने चार राज्यों में 62 रैलियां और रोड शो या 'रथ यात्रा' करते हुए आक्रामक चुनावी अभियान चलाया। शाह ने तेलंगाना में बड़ा अभियान चलाया, जहां उन्होंने लगभग 18 अभियान कार्यक्रम किए। चार राज्यों में से सबसे बड़े मध्य प्रदेश में उन्होंने 19 ऐसे अभियान कार्यक्रम किए थे। गृह मंत्री ने तेलंगाना में 7 रोड शो किए, जो अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। इसके अलावा शाह ने अपनी सबसे अधिक 17 सार्वजनिक रैलियां मध्य प्रदेश में कीं, जबकि उन्होंने तेलंगाना में 11, राजस्थान में 9 और छत्तीसगढ़ में छह सार्वजनिक रैलियां कीं। शाह ने चुनावी राज्यों में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की और छत्तीसगढ़ में पार्टी का घोषणापत्र लॉन्च किया।

Akhilesh

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