MP Election Results: मध्य प्रदेश में 230 नवनिर्वाचित विधायकों में से 90 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। यह विधानसभा की कुल संख्या का लगभग 39 प्रतिशत है। इनमें से 34 विधायक गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 230 सीटों में से 163 सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही है। वहीं, कांग्रेस को महज 66 सीटों से संतोष करना पड़ा है। इस बीच खबर आई है कि राज्य के 230 चुने गए नए विधायकों में से 90 विधायकों के ऊपर आपराधिक केस चल रहे हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक, साल 2018 के चुनाव में 94 विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी थी। यह कुल विधायकों का 41 फीसदी था। शिवपुरी जिले के पिछोर सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीते प्रीतम लोधी पर हत्या का आरोप है। वहीं, पांच अन्य चुने गए विधायकों के ऊपर हत्या के प्रयास के आरोप हैं। ADR की रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन उम्मीदवारों ने महिलाओं से संबंधित आपराधिक केस घोषित किए हैं।
गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के 163 में से 51 विधायक आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें से 16 गंभीर अपराध हैं। ADR ने बताया कि कांग्रेस में 38 विधायक आपराधिक केसों का सामना कर रहे हैं, जिसमें से 17 विधायकों पर गंभीर आरोप हैं। शिवपुरी जिले के पिछोर से BJP के टिकट पर चुने गए प्रीतम लोधी एकमात्र विधायक हैं जिन पर हत्या का आरोप है। पांच अन्य नवनिर्वाचित विधायकों पर हत्या के प्रयास का आरोप है।
छत्तीसगढ़ में 72 करोड़पति
छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में निवनिर्वाचित 90 विधायकों में से 72 करोड़पति हैं। जबकि पिछली विधानसभा में ऐसे विधायकों की संख्या 68 थी। छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) 54 सीट जीतकर सरकार बना रही है। राज्य में 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस 35 सीट पर सिमट गई है तथा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) पहली बार एक सीट पर जीत हासिल कर पाई है।
गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच ने रिपोर्ट जारी कर बताया है कि राज्य की छठवीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में चुने गए 72 (80 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि BJP के 54 विधायकों में से 43 (80 फीसदी) करोड़पति हैं। इन विधायकों ने चुनावी हलफनामा दायर करने के दौरान अपनी संपत्ति एक करोड़ रुपए से अधिक घोषित की थी। वहीं 35 सीट जीतने वाली कांग्रेस में ऐसे विधायकों की संख्या 29 (83 फीसदी) है।
रिपोर्ट के अनुसार, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में विजेता उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 5.25 करोड़ रुपए है। 2018 में विधायकों की औसत संपत्ति 11.63 करोड़ रुपए थी। पहली बार विधायक चुनी गई BJP की भवन बोहरा (पंडरिया सीट) 33.86 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ करोड़पति विधायकों की लिस्ट में शीर्ष स्थान पर हैं, इसके बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल (पाटन) 33.38 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
भाजपा के अमर अग्रवाल (बिलासपुर) 27 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ तीसरे स्थान पर हैं। रिपोर्ट में सबसे कम संपत्ति वाले तीन विधायक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के विधायक रामकुमार यादव (चंद्रपुर) की संपत्ति 10 लाख रुपये, भाजपा के रामकुमार टोप्पो (सीतापुर) की संपत्ति 13.12 लाख रुपये तथा पार्टी सांसद गोमती साय (पत्थलगांव) की संपत्ति 15.47 लाख रुपये है। चंद्रपुर सीट से लगातार दूसरी बार चुने गए यादव के पास सभी 90 विधायकों में सबसे कम संपत्ति है।
पीटीआई के मुताबिक, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 90 विधायकों में से 33 (37 प्रतिशत) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवीं पास और 12वीं पास के बीच घोषित की है तथा 54 (60 प्रतिशत) के पास स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता है। जीतने वाले दो उम्मीदवार ऐसे हैं जो डिप्लोमा धारक हैं जबकि एक विधायक ने खुद को सिर्फ साक्षर बताया है।
इसके अलावा 44 (49 प्रतिशत) विधायकों ने अपनी उम्र 25 से 50 वर्ष के बीच घोषित की है तथा 46 (51 प्रतिशत) ने 51 से 80 वर्ष के बीच बताई है। अहिवारा (अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित) सीट से निर्वाचित BJP के डोमनलाल कोर्सेवाड़ा (75) विधानसभा में सबसे उम्रदराज विधायक हैं तथा बिलाईगढ़ (अनुसूचित जाति) सीट से निर्वाचित कांग्रेस की कविता प्राण लहरे (30) सबसे कम उम्र की विधायक हैं।