हाल के चुनावों में राज्य विधानसभाओं के लिए चुने गए 12 BJP सांसदों (BJP MPs) में से दस ने बुधवार को संसद (Parliament) से इस्तीफा दे दिया। बाकी दो भी अपना पद छोड़ देंगे। अधिकारियों ने बताया कि इस्तीफा देने वाले 10 लोगों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और प्रह्लाद पटेल समेत नौ लोकसभा (Lok Sabha) सांसद और एक राज्यसभा (Rajya Sabha) सदस्य शामिल हैं। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दो और सांसद, केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह और महंत बालकनाथ भी लोकसभा से इस्तीफा देंगे।
ये कदम मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में नए मुख्यमंत्रियों को चुनने की पार्टी नेतृत्व की प्रक्रिया का हिस्सा है। इस्तीफा देने वाले अन्य सांसदों में दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और राकेश सिंह शामिल हैं।
BJP ने मध्य प्रदेश में जीत हासिल की और हिंदी पट्टी में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए सबसे पुरानी पार्टी को करारी शिकस्त देकर राजस्थान और छत्तीसगढ़ को कांग्रेस से छीन लिया। हिंदी हार्टलैंड में अभूतपूर्व जीत ने आगामी लोकसभा चुनावों में BJP की संभावनाओं को भी बढ़ावा दिया।
स्ट्राइक रेट के मामले में, BJP सांसदों की जीत का प्रतिशत मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 71% से ज्यादा था, उसके बाद छत्तीसगढ़ और राजस्थान का नंबर था। तेलंगाना में चुनाव लड़ने वाले उसके सभी सांसद हार गए।
मध्य प्रदेश में बीजेपी के पांच मौजूदा सांसद जीते, जबकि ST के लिए आरक्षित निवास सीट पर कुलस्ते समेत दो हार गए।
राजस्थान में जीतने वाले सात BJP के मौजूदा सांसदों में से चार में झोटवाड़ा से जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और जयपुर के विद्याधर नगर से राजसमंद सांसद दीया कुमारी शामिल हैं।
BJP ने राज्य में चार सांसदों को मैदान में उतारा और उनमें से तीन जीते, जबकि चौथे, विजय बघेल, पाटन में अपने चाचा और सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ हार गए।
तेलंगाना में बीजेपी ने राज्य से अपने चार में से तीन सांसदों को मैदान में उतारा था। तीनों - भाजपा महासचिव बंदी संजय (करीमनगर), अरविंद धरमपुरी (कोराताला) और सोयम बापुराव (बोथ) - हार गए।
विधानसभा चुनावों में कई सांसदों की जीत उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए संभावित विकल्प बना सकती है।